Thursday, 12 December, 2024

फीका रहा आरटीयू का जॉब फेयर, बडी कंपनियों ने रूचि नहीं दिखाई

न्यूजवेव @ कोटा
उंची दुकान फीके पकवान’ राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU), कोटा के चार दिवसीय जॉब फेयर(Job Fair) में पहले ही दिन यह कहावत चरितार्थ हुई। पिछले कुछ समय से अपनी शैक्षणिक साख से जूझ रहे राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में चार दिवसीय जॉब फेयर की शुरूआत बेरोजगार स्टूडेंट्स के लिये निराशाजनक रही। पहले दिन 15 लघु व छोटी कंपनियों ने ही भाग लिया, जिससे बीटेक, एमटेक, एमबीए, एमसीए स्टूडेंट्स की सारी उम्मीदें टूट गई।
याद दिला दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनवरी माह में मंथन शिविर के बाद प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानो में रोजगार मेले आयोजित करने के निर्देश दिये थे। उसकी अनुपालना में आरटीयू कोटा ने 12 अप्रैल से जॉब फेयर आयोजित किया। जिसका उद्घाटन आरटीयू के कुलपति प्रो. एसके सिंह एवं डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रोफेसर एके द्विवेदी व विशेष अतिथि श्रीराम इंडस्ट्रीज सीईओ वीके जेटली ने दीप प्रज्वलित कर किया।
रोजगार मेले में पहले दिन मात्र 15 छोटी कंपनियों एवं 800 बेरोजगार छात्रों ने पंजीयन करवाया। इसमें से 500 छात्र इंटरव्यू देने के लिए हाजिर हुये। पहले दिन 200 छात्रों को दूसरे राउंड के लिये चयनित किया गया। कंपनियों में कोटा कोचिंग से मोशन एजुकेशन एवं ई-सरल, आईटी सेक्टर से वीकनेक्ट सॉफ्ट, आईएसएल वायर लेस, विबेसियस, इंडस्ट्रियल सेक्टर से एनालाइजर इंस्ट्रूमेंट्स, मान इंडस्ट्रीज, अग्नि ट्रांसमिशन इंडिया, मार्केटिंग सेक्टर से एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, पार्थ कंसल्टेंट, शुभ प्लेसमेंट, मेकलिन तथा ऑटोमोबाइल से कोटा की भाटिया एंड कंपनी रही।
कुलपति प्रो.सिंह ने कहा कि हर वर्ष युवा विद्यार्थी अच्छे रोजगार के सपने संजोकर यूनिवर्सिटी से डिग्री ग्रहण करते हैं परन्तु रोजगार के अवसर बहुत कम होने से दुर्भाग्यवश अच्छी शिक्षा होने के बावजूद उन्हें रोजगार नहीं मिल पाता है।
लघु उद्योग एसोसिएशन से प्रेसिडेंट अमित सिंघल ने कहा कि विद्यार्थियों को सिर्फ जॉब के स्थान पर अपने स्किल डेवलपमेंट पर कार्य करना चाहिए जिससे वे स्टार्टअप शुरू कर दूसरों को रोजगार उपलब्ध करवा सकें। श्रीराम रेयांस के सीईओ वीके जेटली ने हमेशा बड़ा टारगेट रखने और बड़े सपने देखने की सीख दी। डीन फैकल्टी अफेयर्स एवं स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. ए के द्विवेदी ने कहा कि 4 चरणों में हाडौती अंचल के बाकी कॉलेज विद्यार्थी भी इसमें भाग लें।
कार्यक्रम संयोजक एवं ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट चेयरमैन मनीष चतुर्वेदी ने बताया कि आने वाले 3 मेलों में अधिक से अधिक कंपनियों को बुलाने का प्रयास करेंगें। मेले में आईटी एक्सपर्ट के व्याख्यान, कॅरिअर गाइडेंस, हैकाथन, स्किल डेवलपमेंट, एचआर मीट एवं स्टार्टअप एक्सपो आयोजित किये जायेंगे।
बेरोजगार ग्रेजुएट हुये निराश
लंबे समय बाद आरटीयू कोटा में आयोजित जॉब फेयर से कई वर्षों से बीटेक, एमटेक, एमबीए व एमसीए की डिग्री कर चुके बेरोजगार स्टूडेंट्स को उम्मीद थी कि इसमें बडी कंपनियां आने से उनको जॉब के अवसर मिलेंगे लेकिन हुआ इससे ठीक उल्टा। देश-विदेश की बडी कंपनियों ने आरटीयू कोटा के जॉब फेयर में आने के लिये कोई रूचि नहीं दिखाई। जाहिर है, बडे शहरों के अच्छे इंस्टीट्यूट में कैंपस प्लेसमेंट से ही उनकी डिमांड पूरी हो जाती है। आरटीयू में पिछले दिनों अकादमिक स्तर पर जो गडबडी उजागर हुई, उसका खामियाजा स्टूडेंट्स को ही भुगतना पड रहा है। स्टूडेंट्स ने बताया कि छोटी कंपनियों द्वारा उन्हें बीटेक व एमबीए करने के बाद भी मात्र 2 से 3 लाख रू पैकेज के जॉब ऑफर मिल रहे हैं, जबकि उनकी डिग्री पूरी करने पर कई गुना अधिक खर्च हुआ है। यह जॉब फेयर राज्य सरकार के लिये दिखावटी बनकर रह गया है।

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