अभिनव पहल- राज्य के 92 संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थी विशेषज्ञों के लेक्चर व नोट्स RTU वेबसाइट से निशुल्क डाउनलोड कर सकेंगे
न्यूजवेव @ कोटा
राज्य में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध 92 इंजीनियरिंग, एमबीए व एमसीए कॉलेजों में अध्ययनरत 75 हजार से अधिक विद्यार्थियों को विशेषज्ञ टीमों द्वारा तैयार ई-लर्निंग नोट्स से पढ़ने का अवसर मिलेगा। बुधवार को आरटीयू से सम्बद्ध सभी इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों के स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण उच्च तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिये तकनीकी शिक्षाविदों एंव प्रोफेसर्स की वर्चुअल वर्कशॉप आयोजित की गई।
वर्कशॉप की अध्यक्षता करते हुये आरटीयू कुलपति प्रो.आर.ए.गुप्ता ने बताया कि आरटीयू द्वारा गठित समिति ने वृहद टीचिंग डाटाबेस से संकाय विशेषज्ञ नामित किय गये हैं। नामित शिक्षकों को पोर्टल से टीचिंग ट्रेनिंग दी जा रही है। इस स्कीम के तहत विशेषज्ञ टीचर्स द्वारा टीचिंग मैटेरियल यूनिवर्सिटी के कॉमन पोर्टल पर ‘विशेषज्ञ शिक्षण सामग्री’ उपलब्ध कराया जायेगा। जिससे आरटीयू से सम्बद्ध सभी कॉलेजों के स्टूडेंट्स लाभान्वित होंगे।
प्रो. गुप्ता ने कहा कि कोरोना की अपरिहार्य स्थितियों में कई इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षक एवं विद्यार्थी डिजिटल लर्निंग और अन्य सपोर्ट एग्रीमेंट के लिये तैयार नही थे। लेकिन आरटीयू द्वारा सभी सम्बद्ध कॉलेजों में क्वालिटी एजुकेशन को बढावा देने के उद्देश्य से फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम, हैकाथॉन तथा एच.आर.कॉन्क्लेव जैसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित किये गये। विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा तैयार इस ई-लर्निंग रिसोर्स से स्टूडेंट्स सारगर्भित स्टडी मैटेरियल का लाभ उठा सकेंगे। चूंकि कोविड महामारी में स्टूडेंट्स को कोर्स की सभी किताबें उपलब्ध नही हो रही हैं इसलिये एक्सपर्ट लेक्चर विषयों के उपयोगी नोट्स तैयार कर आरटीयू वेबसाईट पर अपलोड करेंगे।
प्रत्येक विभाग में बनाई रिव्यू कमेटी
अकादमिक डीन प्रो.डी.के. पलवलिया ने कहा कि इस अभिनव प्रयोग में शिक्षकों का चयन शिक्षा, अनुभव एवं विषय विशेषज्ञता के आधार पर किया गया है। प्रत्येक विभाग में तीन-तीन सदस्यों की रिव्यू कमेटी बनाई गई है जो अपने विभाग से जुडे़ 18 विषयों के स्टडी मैटेरियल का फीडबेक देगी। इसे क्वालिटी एजुकेशन को बढावा मिलेगा। आरटीयू में यह कोर्सेज व विडियो लेक्चर भविष्य में भी जारी रहेंगे।
ई-नोट्स में प्रश्नों के साथ उत्तर भी
उप-कुलसचिव दिवाकर जोशी ने बताया कि इस पोर्टल पर पीएचडी व एमटेक योग्यताधारी एक्सपर्ट शिक्षकों द्वारा तैयार नोट्स में प्रश्नों के साथ उनके संभावित उत्तर भी अपलोड किये जायेंगे। चंूकि कुछ कॉलेजों में अनुभवी फैकल्टी नहीं होने से बीटेक, एमबीए व एमसीए स्टूडेंट्स को क्वालिटी स्टडी मैटेरियल नहीं मिल पाता है। इस अभिवन प्रयोग से सभी कॉलेजों में एक समान क्वालिटी एजुकेशन मिलेगी तथा उन्हें मूल्यांकन में कोई नुकसान नहीं उठाना पडेगा।
परीक्षा नियंत्रक प्रो.धीरेन्द्र माथुर एवं डीन एफओईए प्रो.बी.पी.सुनेजा ने अपने उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किये। डॉ.दीपक भाटिया ने एक प्रजेंटेशन प्रस्तुत कर बताया कि संबद्ध कॉलेजों में उच्चशिक्षित फैकल्टी की कमी को देखते हुये कॉमन पोर्टल पर टीचिंग मैटेरियल किस तरह उपलब्ध करायाा जायेगा। डॉ. जे.बी. शर्मा ने आभार जताया।