नवाचार: आरटीयू द्वारा राज्य के 116 इंजीनियरिंग कॉलेजों में ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर इंजीनियरिगं एवं एमबीए डिग्री में क्वालिटी इम्प्रूव करने का अभिनव प्रयोग।
अरविंद, कोटा। राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने डिग्री की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इस वर्ष पहली बार इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने की अनूठी पहल की। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नईदिल्ली ने आरटीयू को पत्र भेजकर इसकी सराहना की।
एआईसीटीई के सलाहकार प्रो.राजीव कुमार ने कहा कि कॉलेज या संस्थान की एक हजार अंकों के स्केल पर क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू (क्यू आई वी) जांचने से विद्यार्थियों को बहुत लाभ मिलेगा। देश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी इसे लागू किया जा सकता है।
अकादमिक डीन प्रो.एच.डी.चारण ने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र 2018-19 से कोई भी विद्यार्थी आरटीयू वेबसाइट पर संबद्ध 116 सरकारी व प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों की रैंकिंग देखकर अपने लिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेज चुन सकते हैं। इस वर्ष आरटीयू से जुडे़ कॉलेजों में संचालित कोर्सेस में लगभग 2.25 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 2017 में यूनिवर्सिटी से 14 हजार विद्यार्थियों ने बीटेक डिग्री ली। कई कॉलेजों में प्लेसमेंट कम होने से आरटीयू ने शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के प्रयास तेज कर दिए।
क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू से पता चला कॉलेज का लेवल
यूनिवर्सिटी ने इस सत्र में राज्य के सभी कॉलेजों से एआईसीटीई के अनुसार 18 मापदंडों की ऑनलाइन जानकारी ली। फिर एक कमेटी ने इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी व विद्यार्थियों के बारे में भौतिक सत्यापन किया। इसके बाद 1000 अंकों से मूल्यांकन कर कॉलेज को ग्रेडिंग दी गई। क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू में छात्र शिक्षक अनुपात, कोर्सेस की संख्या, कुल नामांकित छात्र, फैकल्टी की संख्या, कम्प्यूटर व इंटरनेट सहित स्मार्ट क्लास, हॉस्टल, मैस, इंश्योरेंस, प्ले ग्राउंड, लैब आदि, प्रतिवर्ष पास होने वाले स्टूडेंट, उनमें फर्स्ट डिविजन या ऑनर्स वाले कितने, इंटरनेशनल या नेशनल कॉन्फ्रेंस, सेमीनार, वर्कशॉप, जर्नल्स मे प्रकाशित पेपर, प्रतिवर्ष कितने स्टूडेंट को प्लेसमेंट मिला, 3 लाख से अधिक पैकेज कितनों को मिला जैसे 18 मापदंडों पर कॉलेजों का लेवल परखा। फिर कॉलेज को इस सत्र के लिए ग्रेडिंग दी गई।
1000 अंकों पर होगी कॉलेजों की परख
आरटीयू में उप-कुलसचिव (अकादमिक) दिवाकर जोशी ने बताया कि क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू के मापदंडों पर राज्य में 1000 में से 600 से अधिक अंक पाने वाले 9 इंजीनियरिंग कॉलेजों को ए-ग्रेड मिली। सभी कॉलेज क्वालिटी में सुधार कर वर्ष 2018-19 के लिए अच्छी ग्रेडिंग ले सकते हैं। ए-ग्रेड मिलने पर कॉलेजों को 5 वर्ष की संबद्धता, बी-ग्रेड पर 3 वर्ष तथा सी-ग्रेड पर अस्थाई संबद्धता दी जाएगी ताकि सभी कॉलेज रैंकिंग में सुधार के लिए क्वालिटी के मापदंडों का पालन करें।
क्वालिटी एजुकेशन से होंगे रोजगार सृजन
यूजीसी ने देश के सभी कॉलेजों को दर्जा देने के लिए एक्सीलेंट स्कीम प्रारंभ की है। आरटीयू से क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू के आधार पर अच्छी ग्रेड पाने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज नेशनल एक्सीलेंस कॉलेज का दर्जा हासिल कर सकते हैं। प्रतिवर्ष अच्छी परफॉर्मेंस से कोई भी कॉलेज ग्रेड सुधार सकते हैं। क्वालिटी एजुकेशन मिलने से ग्रेजुएट इंजीनियर्स को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
– प्रो.एन.पी कौशिक, कुलपति, राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी