IIT -D के छात्र रितिक कुकरेजा ने लांच किया स्टार्टअप ‘मिलियन न्यूरोन’, कक्षा-7 से 10वीं के स्टूडेंट्स किताबों से बाहर गेम्स की तरह करेंगे पढ़ाई
न्यूजवेव @ नई दिल्ली/कोटा
नई शिक्षा नीति के तहत देशभर के स्कूली बच्चे विषयों को पढ़ने और समझने के लिये एक अलग आभासी तकनीक से रूबरू होंगे, जिससे उन्हें किताबों के बाहर की वर्चुएलिटी लैब में NCERT के विषयों के टॉपिक को देखते हुये समझने का अवसर मिलेगा।
आईआईटी दिल्ली के छात्र रितिक कुकरेजा ने रिसर्च के बाद स्टार्टअप ‘मिलियन न्यूरोन’ (Million Neuron) लांच किया, जिसमें कक्षा-7 से 10वीं के विद्यार्थी वर्चुअल मेटावर्स लैब के माध्यम से सभी विषयों की पढ़ाई आसानी से कर सकेंगे। वे आईआईटी दिल्ली में बीटेक इंजीनियरिंग फिजिक्स अंतिम वर्ष के स्टूडेंट हैं। रितिक अमेरिकन (US) सेंटर स्टार्टअप हब एवं टेक्नोलॉजी इन्क्यूबेटर्स ‘नेक्सस’ (NEXUS) में भी सहयोगी हैं, जो प्रत्येक क्षेत्र में इनोवेशन को बढावा देता है।
वर्चुअल माध्यम से तनावमुक्त पढ़ाई
फाउंडर रितिक ने बताया कि अभी स्कूली बच्चे इतिहास, कॉमर्स, साइंस या अन्य विषयों में किताबें पढ़कर भी कई टॉपिक समझ नहीं पाते हैं। जिससे पढाई का तनाव बढ़ जाता है। उन्होंने एनसीईआरटी सिलेबस पर आधारित किताबों को वर्चुअल मेटावर्स लैब (Vertual Metaverse lab) से जोड़ा है, जिसमें बच्चे गेम्स की तरह खेलते हुये फ्रांस की क्रांति हो या जलवायु परिवर्तन सभी जटिल विषयों को समझ सकेंगे। इस तकनीक में बच्चों को याद करके लिखने वाली ‘मेमोरी बेस्ड लर्निंग’ (Memory Based Learning) के स्थान पर सोचकर लिखने वाली ‘थिंकिंग बेस्ड लर्निंग’ (Thinking Based Learning) से जोडा जायेगा। स्कूल में वे मेटावर्स लैब में बैठकर एक अलग दुनिया का अहसास करेंगे।
रटने की बजाय सोचकर लिखेंगे
उन्होंने बताया कि इस तकनीक में बच्चे किताबों से बाहर निकलकर एक आभासी वातावरण में बैठकर अंतरिक्ष, पर्यावरण, गुरूत्वाकर्षण सहित भूगोल, इतिहास एवं विज्ञान में प्रत्येक विषय के जटिल प्रश्नों को आसानी से हल कर देंगे। वे रटने के स्थान पर सोचकर लिखेंगे। इतना ही नहीं, मेटावर्स में गेम्स की तरह खेलते हुये उन्हें अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का अवसर भी मिलेगा। वे चेप्टर को केवल सुनेंगे ही नहीं, उस पर सवाल-जवाब भी करेंगे। किसी विषय को चुनकर मनपसंद टॉपिक को पढ़ना, टीम के साथ गेम्स खेलते हुये समझना, खुद की इच्छा से कुछ नया करने जैसे विकल्प मिलने से वे एक अलग दुनिया में रहकर पढाई करेंगे
स्कूलों में मेटावर्स लैब खोलने की योजना
इस नई तकनीक में अलग-अलग कक्षाओं में बच्चों को विषयों के NCERT सिलेबस की बेसिक जानकारी देकर उन्हें वर्चुअल लर्निंग के लिये प्रेरित किया जायेगा जिससे वे स्कूल जाने में रूचि लेंगें। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के जरिये स्कूली बच्चे जब, जहां, जैसा पढ़ना चाहेंगे, उन्हें उसकी पूरी जानकारी मिल जायेगी। इसमें सिलेबस भी अपडेट किये जायेंगे। इसके पहले चरण की शुरूआत दिल्ली एव नोएडा के स्कूलों से की जायेगी। उसके बाद देश के विभिन्न राज्यों के स्कूलों में मेटावर्स लैब खोलने की योजना है। ये नई शिक्षा नीति के अनुसार वर्चुअल लैब की तरह ही होंगी।