खान मंत्री श्री प्रमोद भाया ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा से भेंट कर स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए तीन पत्र सौंपे
न्यूजवेव @ बारां
राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन ‘भाया’ ने चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा से मुलाकात कर बारां जिले में कोरोना मरीजो की बढ़ती संख्या को देखते हुए अनिवार्य चिकित्सा सुविधाएं तत्काल बढ़ाने की मांग की है। भाया ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र सौंप कर बताया कि बारां जिला कृषि प्रधान है, जहां चिकित्सा सुविधाओं के ढांचे को और अधिक विकसित करने की जरूरत है। बारां के सरकारी अस्पतालों में ग्रामीण क्षेत्रों के अतिरिक्त कोटा जिले के सांगोद, इटावा तहसील व मध्यप्रदेश के सीमावर्ती श्योपुर,गुना व शिवपुरी के रोगी भी इलाज के लिए बारां आ रहे हैं। यहां के सरकारी व निजी अस्पतालों में इतने अधिक भर्ती मरीजो के लिए प्रतिदिन 600 ऑक्सीजन सिलेंडर्स तथा 200 रेमेडेसीवीर इंजेक्शन तुरन्त प्रभाव से उपलब्ध करवाने के निर्देश प्रदान करें, जिससे बारां में भर्ती गम्भीर मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।
बारां में 36 वेन्टीलेटर्स, लेकिन पर्याप्त एनेस्थेसिया चिकित्सक नहीं
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने स्वास्थ्य मंत्री को एक अन्य पत्र लिखकर बारां के सरकारी चिकित्सालय में 36 वेन्टीलेटर्स हैं, किंतु उनको संचालित करने के लिए एनेस्थेसिया चिकित्सकों की कमी है, जिससे गंभीर कोरोना रोगियों के लिए वेन्टीलेरों की पूरी क्षमता का उपयोग नही हो पा रहा है। चूंकि कोटा मेडिकल कॉलेज में 150 तथा झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 65 वेंटीलेटर हैं, जिनको वहां के एनेस्थेसिया चिकित्सक, फेकल्टी एवं मेडिकल छात्र संचालित कर रहे हैं, जबकि बारां में मेडिकल कॉलेज के अभाव में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से 15 एनेस्थेसिया चिकित्सको को तत्काल प्रभाव से बारां में पदस्थापित कर यहां के 36 वेन्टीलेटर्स को संचालित करने के निर्देश दें।
बारां के मरीजों को कोटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती करें
मंत्री प्रमोद भाया ने चिकित्सा मंत्री को एक और पत्र लिखकर आग्रह किया कि बारां से गंभीर कोरोना मरीजो को संभागीय मुख्यालय पर कोटा मेडिकल कॉलेज में रेफर किया जाता है लेकिन उनको वहां भर्ती नही किया जा रहा है, जिससे जनमानस में बहुत व्यथा एवं आक्रोश है। आपसे निवेदन है कि कोटा मेडिकल कॉलेज के आईसीयू वार्ड में कम से कम 25 बेड बारां के अति गम्भीर रोगियों के लिए आरक्षित करवाएं, जिससे रोगियों की जान बचाई जा सके।