दरा-कनवास मार्ग पर जंगल के बीच स्थित किशोर सागर बालाजी मंदिर में शिवलिंग पर दिव्य नेत्र प्राकट्य होकर अब उभार, जटायु व चंद्र दर्शन जैसे दिव्य स्वरूप प्रकट होने लगे हैं.
न्यूजवेव @ कोटा
दरा से एक किमी दूर कनवास मार्ग पर जंगल के बीच स्थित किशोर सागर श्रीबालाजी मंदिर में दिव्य शिवलिंग प्रतिमा पर चमत्कारिक दिव्य नेत्र के बाद अब जटायें, चंद दर्शन, ओम चिन्ह भी दिखाई देने लगे हैं। शिवलिंग में अचानक आये उभार तथा सामने स्थित नंदी का स्वरूप स्वतः बदल जाने से यह प्राकृतिक स्थल श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र बन गया है। महाकालेश्वर रूपी इस दिव्य प्रतिमा पर कोरोना काल में भी निरंतर शिव साधना जारी रही।
ज्योतिर्लिंग से जुड़ी आस्था
मंदिर पुजारी पं.लखनलाल शर्मा ने बताया कि लगभग 5 वर्ष पूर्व उन्होंने मप्र में नर्मदा नदी के औंकारेश्वर तट स्थित ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर पर जलाभिषेक किया। वहां से किशोर सागर बालाजी मंदिर में स्थापना के लिए शिवलिंग एवं नंदी प्रतिमा लेकर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान किया।
उसके बाद मंदिर परिसर में बालाजी के बांयीं ओर महाकाल के पूजास्थल का निर्माण कर 16 अप्रैल,2016 को किशोर सागर बालाजी मंदिर में शिव-नन्दी प्रतिमा को अवतरित किया। उस समय शिवलिंग पर कोई नेत्र नही था। नियमित जलाभिषेक करते हुए धीरे-धीरे प्राकृतिक नेत्र ज्योति स्वतः प्रस्फुटित होने लगी। शास्त्रों में उल्लेख है कि शिव के प्राकट्य नेत्र से कष्ट एवं काल को पटखनी मिलती है। कोरोना में आसपास के क्षेत्रवासियों में यही धार्मिक आस्था बनी रही।
27 वर्षो से जंगल मे पूजा-अर्चना
पुजारी पं.लखनलाल शर्मा पिछले 27 वर्षों से मंदिर में नियमित पूजा-अनुष्ठान कर रहे हैं। दक्षिणमुखी श्रीबालाजी का भव्य मंदिर समूचे क्षेत्र में आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है। 4 वर्ष पहले केदारनाथ यात्रा के दौरान उन्होंने भोलेनाथ का जप करते हुए किशोरसागर बालाजी मंदिर में शिवलिंग के लिए विशेष अनुष्ठान किया था। धीरे-धीरे इसमें शिव तत्वों का प्राकट्य होना देवदर्शन की अनुभूति कराता है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष दुर्गाशंकर गुर्जर ने बताया कि दरा के वनक्षेत्र में दक्षिणमुखी श्रीबालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उर्जा मिलती है। यहां वर्षों से अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित है। नियमित तीन समय बालाजी का विशेष श्रंगार, पूजा-अर्चना एवं हवन-महाआरती होती है।
मनवांछित फल देते हैं दक्षिणमुखी बालाजी
दरा स्टेशन के बाबूलाल खटाणा ने बताया कि किशोर सागर बालाजी मंदिर पर प्रतिवर्ष नवरात्र में लगभग 15 हजार श्रद्धालुओं का भंडारा होता है। पूर्व सरपंच दुर्गालाल, हेमराज गुर्जर, दरा के काश्तकार आनंदीलाल यहां 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। पोस्ट मास्टर दुर्गाशंकर मेवाड़ा ने बताया कि बालाजी मंदिर में बाहर से जो भक्त मनोरथ लेकर आते हैं, वे कभी खाली हाथ नहीं लौटते। रामगंजमंडी के डॉ. विजयसिंह ने बताया कि यहां आने से कई असाध्य रोगों से पीड़ितों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। वरिष्ठ कम्पाउंडर त्रिलोक गुप्ता एवं परमानंद 9 दिन यहां अनुष्ठान के लिए ठहरते हैं। आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि हॉस्पिटल में जब डॉक्टर जवाब दे देते हैं तो यहां की सिद्धि रोगियों को अचानक स्वस्थ कर देती है। मोरूखुर्द के अध्यापक रमेशचंद्र रघुवंशी, दरा के राजेश चौहान, कनवास के संतोष जैन ने बताया कि यहां दर्शन मात्र से मनवांछित फल पूरे होते हैं।