महासंगम – महाशिवरात्रि महोत्सव पर देशभर से 4 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन व अभिषेक करने पहुंचेंगे
न्यूजवेव@ कोटा
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कोटा के शिवपुरीधाम तीर्थस्थल पर सिद्धि व साधना का मिनी कुंभ दिखाई देता है। देशभर में इकलौता ऐसा धार्मिक स्थल जहां 525 शिवलिंग एक साथ विधिपूर्वक स्थापित किये गये हैं। वर्षपर्यंत ‘ओम नमः शिवाय’ का उद्घोष करते हुये लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन व अभिषेक के लिये पहुंचते हैं।
संत सनातनपुरी महाराज के सान्निध्य में यहां आस्था का विराट अनुष्ठान होता है। विभिन्न राज्यों से 4 लाख से अधिक शिवभक्त यहां पुष्प, बिल्वपत्र, दूध के साथ साक्षात दर्शन व जलाभिषेक के लिये आते हैं।
महाराज के अनुसार, 8 बीघा क्षेत्रफल में इस मंदिर परिसर में कल्पवृक्ष, चंदन व अन्य वृक्ष हैं। 12 वर्ष पूर्व 2007 में स्वास्तिक चिन्ह एवं योनि स्वरूप में कोटा के प्रसिद्ध तीर्थ शिवपुरीधाम में 525 शिवलिंग की स्थापना की गई। इस मौके पर 121 कुंडीय महायज्ञ के साथ मंत्रोच्चार व सिद्धि की गई। इस तीर्थ का धार्मिक महत्व इसलिये भी बढ़ जाता है कि इनमें से 109 शिवलिंग नर्मदा नदी के किनारे औकारेश्वर महादेव के दाबडी कुंड से लाये गये। शेष शिवलिंग शाहपुरा कोटपुतली के पास भेंसलाना के मकराना पत्थर से निर्मित किये गये।
आकर्षक का केंद्र -सहस्त्रलिंग
शिवपुरीधाम में बीच में स्थित सहस्त्रलिंग में कई खूबियां होने से महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं में यह आस्था का केंद्र रहता है। 14 टन वजन एवं 14 फीट लम्बाई लम्बाई के साथ 10 फीट लम्बे नाग के साथ 1001 छोटे शिवलिंग इस पर बने हुये हैं। इसके चारों ओर शिवलिंग पर श्रद्धालु जलाभिषेक करते हैं।
स्वर्ण कलश स्थापना एवं महारूद्राभिषेक
महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि से पूर्व शिवपुरीधाम में श्रीराम कथा, श्री महारूद्र यज्ञ व नवनिर्माण मंदिर शिखर स्वर्ण कलश स्थापना एवं महारूद्राभिषेक सहित विविध अनुष्ठान हुये। शिक्षानगरी कोटा में सिद्ध धार्मिक स्थल होने से यहां बाहर के विद्यार्थी, अभिभावक व हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिये आते हैं। यहां सभी राज्यों एवं विदेशों से शिवभक्त जलाभिषेक के लिये पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि पर यहां 4 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिये पहुंचेंगे। इस महापर्व पर 40 हजार भक्तों का सामूहिक भंडारा होगा।