Thursday, 25 April, 2024
Shiv Ling at Kishor Sagar Balaji Tample

किशोर सागर बालाजी मंदिर में शिवलिंग पर निकला अलौकिक दिव्य नेत्र

दरा-कनवास मार्ग पर किशोर सागर बालाजी मंदिर में ढाई माह से शिवलिंग पर एक दिव्य नेत्र का दर्शन करने के लिए उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब।
अरविंद, कोटा। दरा से एक किमी दूर कनवास मार्ग स्थित एतिहासिक किशोर सागर श्रीबालाजी मंदिर में दिव्य शिवलिंग पर निकले चमत्कारिक नेत्र के दर्शन करने के लिए इन दिनों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। महाकालेश्वर रूपी इस दिव्य प्रतिमा पर ढाई माह पूर्व से प्राकृतिक शिव नेत्र उभरते हुए दिखने लगा। शिव साधना अनवरत जारी रही, नवरात्र में यह चमत्कारिक नेत्र स्पष्ट दिखाई देने से भक्तों की आस्था कई गुना बढ़ गई।
मंदिर पुजारी पं.लखनलाल शर्मा ने बताया कि लगभग 5 वर्ष पूर्व उन्होंने मप्र में नर्मदा नदी के औंकारेश्वर तट स्थित ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर पर जलाभिषेक किया था। वहां से किशोर सागर बालाजी मंदिर में स्थापना के लिए शिवलिंग एवं नंदी प्रतिमाएं लेकर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान किया।

उसके बाद मंदिर परिसर में बालाजी के बांयीं ओर महाकाल के पूजा स्थल का निर्माण प्रारंभ हुआ। गत वर्ष 16 अप्रैल,2016 को किशोर सागर बालाजी मंदिर में शिव-नन्दी प्रतिमा को अवतरित किया गया। उस समय तक शिवलिंग पर कोई नेत्र नहंीं दिख रहा था। नियमित जलाभिषेक करते हुए धीरे-धीरे प्राकृतिक नेत्र ज्योति स्वतः प्रस्फुटित होने लगी। शास्त्रों में उल्लेख है कि शिव के प्राकट्य नेत्र से कष्ट एवं काल को पटखनी मिलती है।

Kishor Sagar balaji Mandir, Daraah (Kota)

पुजारी पं.लखनलाल शर्मा पिछले 25 वर्षों से मंदिर में नियमित पूजा-अनुष्ठान कर रहे हैं। दक्षिणमुखी श्रीबालाजी का भव्य मंदिर समूचे क्षेत्र में आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र है। 6 माह पहले केदारनाथ यात्रा के दौरान उन्होंने भोलेनाथ का जप करते हुए किशोरसागर बालाजी मंदिर में शिवलिंग के लिए विशेष अनुष्ठान किया था। पिछले ढाई माह में दिव्य नेत्र प्राकट्य होने से यहां आस्था का सैलाब उमड़ने लगा।

मंदिर समिति के अध्यक्ष दुर्गाशंकर गुर्जर ने बताया कि दरा के वनक्षेत्र में दक्षिणमुखी श्रीबालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उर्जा मिलती है। यहां अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित है। नियमित तीन समय बालाजी का विशेष श्रंगार, पूजा-अर्चना एवं हवन-महाआरती होती है। अपनी मन्नतें एवं मनोरथ लेकर दूर-दूर से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को रक्षासूत्र के साथ किशमिश एवं मुंगफली दाने का निःशुल्क प्रसाद मिलता है।

मनवांछित फल देने वाले बालाजी
दरा स्टेशन के बाबूलाल खटाणा ने बताया कि किशोर सागर बालाजी मंदिर पर प्रतिवर्ष नवरात्र में लगभग 15 हजार श्रद्धालुओं का भंडारा होता है। हाडौती अंचल के अलावा मप्र से सैकड़ों भक्त नवरात्र दर्शन के लिए आते हैं। पूर्व सरपंच दुर्गालाल, हेमराज गुर्जर, दरा के काश्तकार आनंदीलाल यहां 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। पोस्ट मास्टर दुर्गाशंकर मेवाड़ा ने बताया कि बालाजी मंदिर में बाहर से जो भक्त मनोरथ लेकर आते हैं, वे कभी खाली हाथ नहीं लौटते।

रामगंजमंडी के डाॅ. विजयसिंह ने बताया कि यहां आने से कई असाध्य रोगों से पीड़ितों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। वरिष्ठ कम्पाउंडर त्रिलोक गुप्ता एवं परमानंद प्रतिवर्ष नवरात्र में 9 दिन यहां अनुष्ठान के लिए ठहरते हैं। आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि हाॅस्पिटल में जब डाॅक्टर जवाब दे देते हैं तो यहां की सिद्धि रोगियों को अचानक स्वस्थ कर देती है। मोरूखुर्द के अध्यापक रमेशचंद्र रघुवंशी, दरा के मुनीम राजेश चैहान, कनवास के संतोष जैन ने बताया कि यहां दर्शन मात्र से मनवांछित फल पूरे होते हैं। रामगंजमंडी के व्यवसायी गिरिराज अग्रवाल ने बताया कि दिव्य शिवलिंग पर अलौकिक नेत्र का प्रकाश होने से हजारों भक्तों में आस्था की किरण जाग उठी।

(Visited 1,517 times, 1 visits today)

Check Also

राजस्थानी मसाले औषधि गुणों से भरपूर, एक्सपोर्ट बढाने का अवसर – नागर

RAS रीजनल बिजनेस मीट-2024 : मसाला उद्योग से जुड़े कारोबारियो ने किया मंथन, सरकार को …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!