न्यूजवेव @ कोटा
अगले साल तक एजुकेशन हब कोटा देश के खूबसूरत शहरों की श्रेणी में आ जायेगा। बेहतरीन सिटी प्लानिंग के साथ कोटा के हर क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। 20 चौराहों वाले इस शहर को पूरी तरह ट्रैफिक सिग्नल फ्री बनाने की तैयारी चल रहा है। इसके लिए अंडरपास और ओवरब्रिज का प्लान है। ऐसा साकार होने पर यह भूटान की राजधानी थिम्पू के बाद दुनिया का दूसरा शहर होगा, जहां ट्रैफिक सिग्नल नहीं होंगे।शहर में बनारस की तर्ज पर चंबल नदी के दोनों किनारों पर 3 किमी दायरे (कोटा बैराज से नयापुरा तक) में हेरिटेज रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है। यहां 30 आकर्षक घाट बनेंगे। राज्य सरकार इस प्रोजेक्ट पर 700 करोड़ रु.खर्च कर रही है।
सैलानियों के लिये कोटा में हेलिकॉप्टर राइड
जयपुर के आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया के अनुसार, रिवर फ्रंट का डिजाइन हाड़ौती और राजपूताना शैली पर आधारित होगा। चंबल नदी में क्रूज चलेंगे, बच्चों के लिए वॉटर पार्क बनेगा। 12 देशों का फूड स्ट्रीट, हैंडीक्राफ्ट बाजार और खूबसूरत गार्डन भी होंगे। सैलानियों के लिए हेलिकॉप्टर राइड होगी, जिससे वे कोटा की खूबसूरती देख पाएंगे। रिवर फ्रंट के किनारे माता चर्मण्यवती की 40 फीट ऊंची प्रतिमा लगेगी। इसका काम 6 महीने पहले शुरू हो चुका है। मार्च 2022 तक यह पूरा हो जायेगा।
दुनिया की सबसे बडी घंटी कोटा में
घंटाघर घाटः दुनिया की सबसे बड़ी घंटी लगेगी। व्यास 9.5 मी. होगा। अभी सबसे बड़ी घंटी मास्को में 8 मीटर प्यास की है।
गीता घाटः गीता के श्लोकों पर आधारित स्कल्पचर्स होंगे।
साहित्य घाट: तुलसीदास, प्रेमचंद, गालिब की रचनाएं प्रदर्शित होंगी। लाइब्रेरी बनेगी।
हेरिटेज घाट: 16 देशों के लुक की इमारतें होंगी। ग्लोब बनेगा, इसमें हर देश के चेहरे होंगे।
हिस्ट्री पार्क: शक्ति और भक्ति की प्रतीक रानी हाड़ी, पन्नाधाय की कहानी होगी।
छतरी घाट: लाल पत्थर का बड़ा नंदी स्थापित होगा। श्मशान व कब्रस्तान उनकी शैली में विकसित होंगे।
महाराणा घाट: मेवाड़, मारवाड़, शेखावाटी, हाड़ौती की झलक देखने को मिलेगी।
म्यूजिकल घाट: यहां म्यूजिक इवेंट हो सकेंगे।
किड्स घाट: बच्चों के लिए वॉटर गेम जोन बनेगा।
फव्वारा घाटः रिवर फ्रंट पर बहुत सी जगह म्यूजिकल फव्वारे लगाए जाएंगे
एलईडी गार्डन: यहां रोशनी का अनूठा डिजाइन नजर आएगा। पेड़ों पर लाइटिंग होगी, ताकि नाइट लाइफ बेहतर नजर आए।
जवाहर घाट: यहां एक फ्रीडम टावर बनेगा जो जवाहर लाल नेहरू को समर्पित होगा।
सिंह-घड़ियाल घाटः फ्रंट पर 15 सिंह ओर 15 घड़ियाल के स्कल्पचर्स नजर आएंगे।