न्यूजवेव@नईदिल्ली
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) नए सत्र 2020 से 12वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा (प्रैक्टिकल) में बदलाव करने जा रहा है। अगले साल से प्रैक्टिकल परीक्षा होम सेंटर अर्थात उसी स्कूल पर नहीं होगी। प्रैक्टिकल के लिए सेंटर बनाए जाएंगे।
सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि बोर्ड का नया शेड्यूल जल्द जारी कर सभी स्कूलों को इसकी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा सत्र 2020 से 12वीं बोर्ड के प्रैक्टिकल के पहले सीबीएसई एडमिट कार्ड (प्रवेश पत्र) भी जारी करेगा। इस पर परीक्षार्थी का फोटो भी रहेगा। अब तक प्रैक्टिकल स्कूल स्तर पर ही होता था, इसलिए प्रवेश पत्र जारी नहीं होता था।
सांठगांठ पर कसेगी लगाम-
बोर्ड का मानना है किप्रै क्टिकल के दौरान स्कूलों में बहुत फर्जीवाड़ा होता है। 2019 के प्रैक्टिकल के दौरान एक्सटर्नल ने कई शिकायतें सीबीएसई से की थीं। कई केंद्रों पर तो कागजों पर ही प्रैक्टिकल के अंक दे दिये गए। सीबीएसई को सूचना मिली है कि एक्सटर्नल और स्कूल प्रशासन के बीच पैसे का लेन-देन होता है।
फ्लाइंग परीक्षार्थी पकडे जाएंगे-
इस बार बड़े पैमाने पर सीबीएसई छात्रों को पकड़ने की तैयारी में है, जिन्होंने 2018 में 11वीं में फ्लाइंग नामांकन लिया था। 2018 में 11वीं में नामांकन लेने छात्र 2020 में 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे। ये छात्र नामांकित तो पटना या रांची जैसे शहरों में हैं, लेकिन कोटा, दिल्ली आदि शहरों में इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की क्लासरूम कोचिंग ले रहे हैं। अगर ये छात्र 2020 के प्रैक्टिकल में शामिल नहीं होंगे तो उन्हें परीक्षा नहीं देने दी जाएगी।
जहां लैब नहीं, वहां प्रैक्टिकल नहीं-
सीबीएसई इस बार से उन स्कूलों की जांच करेगा, जहां पर लैब की सुविधा नहीं है। जिन स्कूलों में लैब नहीं होगी, वहां पर प्रायोगिक परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इन स्कूलों के छात्रों को दूसरे स्कूल में केंद्र बनाकर प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी।
ये होंगे फायदे
– मेधावी छात्र की पहचान हो पाएगी, गलत तरीके से स्कूल प्रैक्टिकल नहीं ले पाएंगे
– गलत परीक्षार्थी को पकड़ा जा सकेगा, प्रेक्टिकल के अंको में मनमानी करने वाले स्कूल पकड़े जा सकेंगे