देश में 10 नए स्वदेशी परमाणु ऊर्जा रिएक्टर को हरी झंडी, इनसे 7000 मेगावाट बिजली पैदा होगी
न्यूजवेव @ कोटा
देश के परमाणु उर्जा उत्पादन में राजस्थान अग्रणी राज्यों की सूची में होगा। केंद्र सरकार ने बांसवाड़ा जिले में माही नदी के पास 2800 मेगावाट क्षमता के चार नए परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए एक वर्ष पूर्व प्रशासनिक व वित्तीय मंजूरी दे दी है। साथ ही, पांच राज्यों में कुल 10 स्वदेशी परमाणु रिएक्टर लगाए जाएंगे, जिससे 7000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी।
यह जानकारी परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि नए परमाणु उर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पर्यावरणीय मंजूरी आदि गतिविधियां विभिन्न चरणों में हैं। इसमें राजस्थान के माही, बांसवाड़ा में 700-700 मेगावाट के चार रिएक्टर, मध्यप्रदेश के चुटका में, कर्नाटक के कैगा में एवं हरियाणा के गोरखपुर 700 मेगावाट क्षमता के दो-दो स्वदेशी रिएक्टर लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि माही, बांसवाड़ा व चुटका रिएक्टर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम अंतिम दौर में है। कैगा और गोरखपुर में भी जमीन उपलब्ध् है। चुटका में इकाई-1 व 2 तथा जीएचएवीपी में इकाई-3 व 4 के लिए पर्यावरण मंजूरी चुकी है। अन्य स्थानों के लिए पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त परियोजना निर्माण में प्रयुक्त होने वाले तकनीकी उपकरणों तथा मेनपावर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम द्वारा निर्माणाधीन 500 मेगावाट क्षमता वाले प्रोटोटाइप रिएक्टर के जल्दी पूरा होने तथा 10 प्रस्तावित नये रिएक्टरों के तैयार हो जाने पर वर्ष 2031 तक देश की कुल परमाणु ऊर्जा क्षमता बढ़कर 22,480 मेगावॉट हो जाएगी।
प्रत्येक दाबित भारी पानी रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) की क्षमता 700 मेगावाट होगी। अब तक प्रोटोटाइप में 500 मेगावाट क्षमता के रिएक्टर लगाए जा रहे थे। स्वदेशी तकनीक से निर्मित 700 मेगावाट क्षमता के रिएक्टर भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा लगाए जाएंगे।
उर्जा उत्पादन में राजस्थान नंबर-1
राज्य में 2800 मेगावाट क्षमता का दूसरा परमाणु बिजलीघर चालू होने पर कुल 4380 मेगावाट परमाणु बिजली पैदा होने लगेगी। वर्तमान में रावतभाटा परमाणु बिजलीघर की 8 इकाइयों की क्षमता 2580 मेगावाट है।
कोयला आधारित बिजली उत्पादन में राजस्थान पहले से अग्रणी है। राज्य में कोटा, सूरतगढ़, छबड़ा व कालीसिंध में सुपर थर्मल पावर स्टेशनों, रामगढ़ गैस प्लांट, धौलपुर, गिरल लिग्नाइट प्लांट व हाइडल बिजलीघरो से कुल 5957.35 मेगावाट उर्जा उत्पादन हो रहा है।
वर्तमान में राज्य में सौर उर्जा से 2280 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है, जबकि 1500 मेगावाट के 20 प्रोजेक्ट पाइप लाइन में हैं। पवन उर्जा से 4292.54 मेगावाट एवं बायोमास उर्जा से 120.45 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। 2022 तक राज्य से 7000 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य है।