न्यूजवेव @ नईदिल्ली/कोटा
नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा देने वाले 15 लाख से अधिक मेडिकल परीक्षार्थी अपना रजिस्ट्रेशन नंबर अथवा व्यक्तिगत जानकारी किसी को शेयर नहीं करें। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सोमवार को एनटीए की अधिकृत वेबसाइट पर एक नोटिस जारी कर बताया कि नीट के परीक्षार्थी फेक मोबाइल कॉल, एसएमएस अथवा ई-मेल से सावधान रहें। एनटीए द्वारा परीक्षार्थियों से ऐसी कोई जानकारी नहीं मांगी गई है।
एजेंसी ने स्पष्ट किया कि परीक्षार्थियों से ऐसी व्यक्तिगत जानकारी एकत्रित करने वाले जालसाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। नोटिस के अनुसार देशभर में कुछ जालसाज नीट-यूजी, 2020 अभ्यर्थियों से उनके नीट-एप्लीकेशन नंबर तथा पर्सनल-डीटेल्स की जानकारी फर्जी फोन कॉल, एसएमएस या इमेल के जरिए मांग रहे हैं। जबकि यह सरासर गलत व गैरकानूनी है।
अभ्यर्थियों का पर्सनल डाटा दलालो के पास कैसे
एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि देश-विदेश के मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस में प्रवेश के नाम पर प्रतिवर्ष कुछ दलाल विद्यार्थियों से पर्सनल जानकारी जुटाकर उन्हें मेडिकल कॉलेजों के नाम बताकर एमबीबीएस की सीट पर एडमिशन दिलाने का भरोसा दिलाते हैं। कुछ दलाल एडवांस राशि जमा करवाने के लिये अभिभावकों को बार-बार फोन भी करते हैं। अभिभावकों ने बताया कि प्रतिवर्ष आवेदन फॉर्म भरते ही फर्जी कसंलटेंसी कंपनियों द्वारा एडमिशन के नाम पर ठगी का खेल रच जाता है। काउंसलिंग से पहले ही वे मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट आवंटित करवाने का वादा भी करते हैं। शर्मा ने कहा कि नीट की ऑल इंडिया मेरिट सूची से ही सभी संस्थानों में प्रवेश दिये जाते हैं। ऐसे में जालसाजों के फोन कॉल से बचें तथा किसी लालच में नहीं फंसे। उन्होंने मांग की कि इस बात की उच्चस्तरीय जांच की जाये कि ऐसे दलालों को परीक्षार्थियों व अभिभावकों के फोन नंबर कहां से मिल जाते हैं। जबकि प्रत्येक परीक्षार्थी का आवेदन फॉर्म गोपनीय रखा जाना आवश्यक है।