तीसरी लहर की दस्तक: मेडिकल कॉलेज कोटा ने जांच रिपोर्ट से पुष्टि की
न्यूजवेव @ कोटा
कोरोना वायरस की दूसरी लहर जुलाई माह में थमने लगी थी, इस बीच कोटा से भेजे गये 30 नमूनों में से 25 में डेल्टा वेरिएंट होने की पुष्टि की गई है। मेडिकल कॉलेज कोटा के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि कोविड के 30 सेम्पल जिनोम सिक्वेसिंग (Genome sequencing) के लिये भेजे गये थे, उनकी रिपोर्ट रविवार को प्राप्त हुई, जिसमें 25 केस में डेल्टा वेरिएंट वायरस की पुष्टि की गई है।
दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ डेल्टा वेरियेंट अब तक भारत के 12 प्रदेशों में फैल चुका है। इसके सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आये हैं। माना जा रहा है कि डेल्टा वेरिएंट अल्फा वेरिएंट से ज्यादा घातक है और तेजी से फैलता है। जिससे यह तीसरी लहर का कारण बन सकता है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस वेरिएंट से बचाव के लिये मास्क पहनना एवं वैक्सीन लगवाना ही मुख्य उपाय हैं। प्रत्येक नागरिक भीड़ में जाने से बचे, मास्क पहनने की आदत बना ले और वैक्सीन के दोनो डोज लगवाकर एंटीबॉडी से खुद को सुरक्षित कर लें। जहां भी जायें, दो गज की दूरी रखने का प्रयास करें।
डेल्टा वेरिएंट के लक्षण
हालांकि डेल्टा वेरिएंट कम घातक है, इससे कहीं अधिक घातक डेल्टा प्लस वेरिएंट है। देश के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट के अनुसार, डेल्टा प्लस में बीटा संस्करण के लक्षण भी होते हैं। इनमें खांसी, दस्त, बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, उंगलियों का रंग बदलना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ होना शामिल है।
जीनोम सिक्वेसिंग के लिये 10 लैबोरेट्री
देश में जीनोम सिक्वेसिंग जांच के लिये 10 लैबोरेट्री हैं। इनमें DBT कोलकाता व भुवनेश्वर, NIV, पुणे, CCS, पुणे, CCMB,हैदराबाद, CCFD हैदराबाद, InSTEM ,बैंगलुरू, NIM HANS, बैंगलुरू, IGIB, दिल्ली, NCDC दिल्ली शामिल हैं।