जज्बा : कोटा संभाग में 7 दिन में 80 लोगों ने देहदान करने का संकल्प लिया
न्यूजवेव@ कोटा
कोटा संभाग के 80 महिलाओं व पुरूषों ने पिछले एक सप्ताह में मरणोपरांत स्वैच्छिक देहदान करने की घोषणा की है। विगत 9 वर्षों से नेत्रदान व देहदान के क्षेत्र में कार्य कर रहे एनजीओ शाइन इंडिया फाउंडेशन के प्रवक्ता ने बताया कि नेत्रदान के लिये जब टीम किसी शोकाकुल परिवार में पहुंचती है तो उनके रिश्तेदार देहदान व उसके आवेदन फार्म व पात्रता की जानकारी मांगते हैं।
संस्था की टीम ने मेडिकल कॉलेज से देहदान घोषणा पत्र लेकर उन्हें घर घर पहुंचाये लेकिन बुजुर्गों के पास समयाभाव होने व वाहन सुविधा नहीं होने से स्वयं उपस्थित होकर मेडिकल कॉलेज में पंजीयन करवाना असंभव हो रहा था। इस परेशानी को देखते हुये संस्था ने जनहित में निर्णय लिया की हेल्पलाइन नंबर-8386900102 पर मिसकॉल करने के बाद संस्था द्वारा संभाग के सभी बड़े शहरों में देहदान के निशुल्क फॉर्म घर तक पहुंचाये जायेंगे तथा उन्हें भरकर मौके पर ही संस्था द्वारा प्रशस्ति पत्र व पंजीकरण पत्र दे दिया जाएगा।
कौन कर सकते हैं देहदान-
- एक स्वस्थ व्यक्ति के लिये,अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं होती है।
- विवाद रहित, साधारण मृत्यु में ही देहदान संभव हो पाता है।
- किसी मेडिको लीगल केस में मृत्यु होने पर देहदान संभव नहीं।
- एड्स, हेपेटाइटिस, कैंसर, बेड-सॉल से हुए घाव, किसी तरह के संक्रमण, जली हुईं, दुर्घटना में घायल होने पर देहदान संभव नहीं है ।
- देहदान मृत्यु के बाद कुछ घंटो (अधिकतम 2 से 4)तक ही संभव है। यह मृत्यु के कारणों पर भी निर्भर करता है।
- देह सुपुर्द करने से पहले देहदान कर्ता का,चिकित्सक द्धारा प्रमाणित मृत्यु प्रमाण पत्र अति-आवश्यक है। साथ ही 2 फोटो सहित प्रमाणित पहचान-पत्र की फोटो कॉपी ।
- मृत देह को परिजन स्वयं अपने वाहन से मेडिकल कॉलेज लेकर आयेंगे, किसी कारण से व्यवस्था न होने पर संस्था सदस्य इसकी व्यवस्था करेंगे।
इसके पश्चात् देह को स्वीकार करने का अंतिम निर्णय मेडिकल कॉलेज के शरीर रचना विभागाध्यक्ष का होता है। सभी जानकारी व परीक्षण के बाद, यदि विभागाध्यक्ष ने पाया कि मृत देह भावी चिकित्सकों के काम आने योग्य है,तो मेडिकल अधिकारी इस देह को प्राप्त करेंगे। एक स्वस्थ व्यक्ति 12 अंगों का दान कर सकता हैं।
हर आयुवर्ग के लोगों ने लिया संकल्प
शहर में देहदान का संकल्प लेने वालों में आनंद वजीरानी, मोतीलाल ऑटो चालक, विनय मेहता, प्रवीण अग्रवाल, दशरथ सिंह शेखावत, राजीव गुप्ता, सतीश गगरानी, देवेंद्र सिंह, बृजेश सिंह, संजय शारदा, अल्का शर्मा, पी सी वैद, रामबाबू जैन, संजीव गौतम, डॉ ज्योति गुप्ता, एफ.एम.मलिक आदि अपने देहदान के लिये सहमति दे चुके है।
मुस्लिम समाज ने भी की पहल
मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों ने भी देहदान के बारे में जानकारी ली। नम्रता आवास निवासी फकीर मोहम्मद मलिक ने अपना देहदान पत्र संस्था को भर कर सौंपा है। संभवतया मुस्लिम समाज में संभाग का यह पहला केस है, जिसमें स्वयं फकीर मोहम्मद ने मरणोपरांत अपनी देह समाज के काम आने के लिये देहदान का संकल्प पत्र भरा है। देहदान से सम्बंधित किसी भी जानकारी के लिये शहरवासी किसी भी समय मोबाइल नंबर- 8386900102 पर संपर्क कर सकते है।