चीन की ताजा रिसर्च स्डडी में हुआ खुलासा
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
व्यस्त दिनचर्या में निरंतर शारीरिक श्रम कम करने, नींद पूरी नहीं लेने, अनियमित खानपान की आदतों, ज्यादा फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लोग अक्सर डायबिटीज के चपेट में आ रहे हैं। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से भी डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। चीन में एक ताजा अध्ययन से इसका खुलासा हुआ है।
दुनिया में चीन में डायबिटीज के रोगी सबसे अधिक है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्टडी के हवाले बताया कि विकासशील देशों में वायु प्रदूषण और डायबिटीज के बीच सीधा संबंध होने लगा है। खासतौर से चीन में जहां वायु में पीएम 2.5 का स्तर अधिक है। पीएम 2.5 ऐसे सूक्ष्म कण हैं जो वायु प्रदूषक होते हैं। जिनके बढ़ने पर लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है।
चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज फुवई हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ एमरॉय के साथ लंबे समय तक पीएम 2.5 के संपर्क में रहने और 88,000 से अधिक चीनी वयस्कों से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर डायबिटीज मंे नई रिसर्च स्टडी से डायबिटीज का विश्लेषण किया। शोध के नतीजों से पता चला कि लंबे समय तक पीएम 2.5 के 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक बढ़ने से लोगों में मधुमेह का खतरा 15.7 प्रतिशत तक बढ़ गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन पहुंचना कम हो जाता है तो रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इसे डायबिटीज लेवल कहा जाता है। इंसुलिन ऐसा हार्मोन है जो पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका काम शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।