सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी), यूएसए के वैज्ञानिकों ने किया दावा
न्यूजवेव@नईदिल्ली
नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये फेस मास्क एक सशक्त टूल बनकर सामने आया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC), यूएसए के निदेशक रोबर्ट रेडफील्ड ने कहा कि दुनिया में नोवेल कोरोना वायरस के वैक्सीन से कहीं बेहतर बचाव चेहरे या मुंह पर मास्क पहनने से हो रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका में सीडीसी को भारत की इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के समकक्ष मान्यता प्राप्त है।
CDC निदेशक रेडफील्ड ने सीनेट सब कमेटी में कानून विशेषज्ञों के एक सवाल पर कहा कि हमारे पास इस बात के स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि मास्क ही हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये सशक्त टूल हैं। मैं इस बात को मजबूती से कहना चाहता हूं कि कोविड-19 से बचाव के लिये वेक्सीन की तुलना में फेस मास्क ज्यादा प्रभावकारी हैं।
2021 की शुरूआत तक मिलेगा वैक्सीन
वैज्ञानिकों का मानना है कि 2021 की शुरूआत में प्रभावी वेक्सीन विकसित होने की संभावना है। इस वर्ष के अंत तक दिसंबर में भी प्रामाणिक वैक्सीन आने की संभावनायें बहुत कम हैं। अभी कई स्तरों पर इसके वैज्ञानिक परीक्षण चल रहे हैं। वैज्ञानिकों एवं वैक्सीन के शोधकर्ताओं के अनुसार, शुरूआत में तैयार वैक्सीन बहुत अधिक प्रभावी नहीं होंगे क्योंकि बडी संख्या में इनका उपयोग करने के बाद पता चल सकेगा कि क्या वैक्सीन से कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम 75 प्रतिशत तक हो सकी है। इसके लिये अनुसंधान निरतंत जारी रहेंगे।
रेडफील्ड ने सभी प्रभावित देशों नागरिकों से अपील की कि वैक्सीन विकसित एवं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने पर भी फेस मास्क का उपयोग निरंतर जारी रखें। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय यदि मास्क पहनने को स्वतः अपना ले तो महामारी पर तेजी से नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके लिये पब्लिक अवेयरनेस बेहद जरूरी है।