केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को जारी किए दिशा-निर्देश
न्यूजवेव @ कोटा
केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को जारी मिड-डे मील योजना के आहार में न्यूट्रिशन वेल्यू बढ़ाने के लिए शहद एवं मशरूम का उपयोग करने की सलाह दी है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव आरसी मीणा ने 28 सितम्बर को सभी राज्यों को पत्र भेजकर कहा कि केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण राज्य मंत्री ने शहद व मशरूम को मिड-डे मील योजना में सम्मिलित करने का सुझाव दिया है। शहद को पोषाहार में जोड़ने से इससे पाचन शक्ति मजबूत होगी तथा शरीर को आवश्यक न्यूट्रिशन तत्व भी मिलेंगे। नागरिकों में शहद की खपत बढ़ने से किसान भी अधिक शहद उत्पादन करने में रुचि लेंगे।
विटामिन व खनिज लवणों से भरपूर
वैज्ञानिकों का मानना है कि मशरूम ऐसा सुपर फ़ूड है जो शरीर मे प्रोटीन की कमी को दूर कर देता हैं। इसमें फोलिक एसिड होने से यह बच्चों के मस्तिष्क विकास में बहुत फायदेमंद है। इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए मशरूम में विटामिन बी-12, पोटेशियम, कॉपर व जिंक व विटामिन-डी जैसे खनिज लवण है जो अन्य किसी खाद्यान्न में एक साथ नही होते हैं। इसे वेजिटेबल फ़ूड माना जाता है। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड ने देश मे मशरूम पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन योजना लागू की है।
कोटा में होने लगी मशरूम की पैदावार
कोटा में आर्गेनिक पद्धति से मशरूम की पैदावार कर रहे युवा उद्यमी रोहित अग्रवाल व अंशुल अग्रवाल ने बताया कि शहर की होटलों में भी शुद्ध मशरूम की मांग बढ़ रही है। कोरोना के दौरान संतुलित आहार में बटन मशरूम व शहद बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। वे इसकी जैविक खेती पर अनुसंधान कर रहे हैं।