मानवीय संवेदना: गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों के लिये सैकड़ों रक्तवीरों की टीम बनी मददगार
न्यूजवेव @ कोटा
‘अपने लिए जिये तो क्या जिये…’ इंसानियत का ऐसा भाव लिये झालावाड़ के सुनेल कस्बे से रक्तदाता समूह के युवा पिछले तीन वर्षों से 18,786 मरीजों की सेवा कर चुके हैं। 24 घंटे सोशल मीडिया के मार्फत युवा सदस्य राजस्थान के सभी शहरों के अतिरिक्त बाहरी राज्यों में भी जरूरतमंद मरीजों को रक्त उपलब्ध करवा रहे हैं। 18 अगस्त,2016 से रक्तदाता समूह ने निःस्वार्थ सेवा का प्रकल्प शुरू किया था, जिससे आज सैंकड़ों रक्तदाता जुडे़ हुये हैं।
जन्मदिन, पुण्यतिथी व वैवाहिक कार्यक्रमों में भी रक्तदान शिविर जैसे आयोजन देखने को मिल रहे हैं। स्वैच्छिक रक्तदान की जागरूकता पैदा करते हुये ये रक्तवीर सामाजिक आंदोलन खडा कर चुके हैं। इससे रक्त की कमी से जूझने वाले झालावाड़ जिले के इकलौते सरकारी ब्लड बैंक में अब 500 यूनिट का स्टॉक रहता है। इस वर्ष मई-जून में मौसमी बीमारियों के कारण रक्त की आवश्यकता बढ़ जाने से रक्तदाता समूह ने इस चुनौती को स्वीकार किया और प्रत्येक 4 दिन में शिविर आयोजित कर एक भी मरीज को रक्त से वंचित नहीं होने दिया। बल्कि जिले के रक्तवीरों ने अतिरिक्त रक्तदान कर कोटा में एमबीएस ब्लड बैंक व अन्य ब्लड बैंकों में भी रक्त की कमी को दूर किया।
वाट्सअप से ऐसे करते हैं मदद
कॉर्डिनेटर जय गुप्ता व अनिल शर्मा ने बताया कि रक्तदाता समूह में टीम भावना के साथ प्रत्येक गांव-कस्बे में 5-7 सक्रिय युवाओं को जिम्मेदारी दी जाती है। ये रक्तवीर अपने गांव-कस्बे में वाट्सअप पर रक्तदाता समूह ग्रुप पर बनाकर अन्य नागरिकों को भी मानव सेवा के लिये प्रेरित करते हैं। जब भी आसपास के सरकारी अस्पतालों में किसी रोगी को रक्त की जरूरत होती है, समूह के कॉर्डिनेटर उसकी पड़ताल कर सदस्य ग्रुप में मैसेज भेजकर उसे बहुत जल्द रक्त उपलब्ध करवा देते हैं। कोई भी गरीब या जरूरतमंद समूह के हैल्पलाइन नंबर 94600-94500 पर कॉल करके रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकते हैं।
किसी रोगी को नेगेटिव ब्लड ग्रुप की आवश्यकता होने पर मोबाइल के जरिये समूह के नेगेटिव ब्लड ग्र्रुप के डोनर्स से अपील की जाती है कि वे जल्द रोगी की मदद करें। नेगेटिव ग्रुप के रक्तवीर दिन हो या रात ब्लड बैंक पहुंचकर उसे राहत पहुंचाते हैं। नाम या फोटो से दूर वे गुप्त सेवा करने में खुशी महसूस करते हैं। इसी तरह, डेंगू या स्वाइन फ्लू के प्रकोप में प्लेटलेट्स की डिमांड बढ़ जाने पर रक्तदाता समूह के एसडीपी डोनर्स 24 घंटे तैयार रहते हैं।
60 नवजात शिशुओं को मिला जीवनदान
ऐसे नवजात शिशु जिन्हे पीलिया होने पर उनके शरीर का पूरा रक्त ओ नेेगेटिव ग्रुप के फ्रेश रक्त से बदलाना होता है, रक्तदाता समूह के रक्तवीरों ने पिछले तीन वर्षों में ऐसे 60 नवजात शिशुओं को नेगेटिव ग्रुप का रक्त पहुंचाकर उन्हें जीवनदान दिया है।
850 रोगियों को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स
रक्तदाता समूह ने कोटा व हाडौती के ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू का प्रकोप फैलने पर 850 से अधिक रोगियों को सिंगल डोनर प्लेटलेट्स उपलब्ध करवाकर उनका हौसला बढ़ाया। सरकारी ब्लड बैंकों में रक्त की कमी होने पर रक्तदाता समूह के युवा रक्तवीरों ने आगे आकर स्वैच्छिक रक्तदान किया, जिससे सैंकडों गंभीर रोगियों को समय पर मदद मिली। तीन सालों में रक्तदाता समूह ने 24 घंटे निस्वार्थ सेवायें देते हुये हाड़ौती में झालावाड़ व कोटा जिले सहित देशभर के 18786 मरीजों को समय पर रक्त दिलवाकर उनको जीवनदान दिया है।