उमंग-2019: रक्तदाता सम्मान समारोह में विभिन्न राज्यों की 35 संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र व 320 रक्तदाताओं को मैडल से नवाजा।
न्यूजवेव @ कोटा
टीम रक्तदाता समूह द्वारा रविवार को मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में ‘उमंग-2019’ रक्तदाता सम्मान समारोह में 10 राज्यों के 400 रक्तदाताओं को मानव सेवा के लिये प्रशस्ति पत्र एवं 320 को मैडल देकर सम्मानित किया गया।
टीम रक्तदाता समूह के जय गुप्ता, श्वेतांक दीक्षित व हरजिंदर सिंह ने बताया कि समारोह में मुख्यअतिथी विधायक चंद्रकांता मेघवाल एवं विशिष्ट अतिथी पुलिस अधीक्षक शहर दीपक भार्गव, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी एवं जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक व एमबीएस ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. एचएल मीणा ने देशभर से आए रक्तवीरों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रशस्ति पत्र व मैडल देकर सम्मानित किया। अध्यक्षता समाजसेवी हिम्मतसिंह हाड़ा ने की। इस मौके पर सर्वोत्तम के निदेशक आशीष वाजपेयी, डॉ.वेदप्रकाश गुप्ता, डॉ.आरके सिंह, डॉ.रोमी साहनी, डॉ.नीता जिंदल, सीईओ दीपक कुलश्रेष्ठ, इंटरनेशनल मोटिवेटर सौरभ जैन व रक्तदाता समूह के संरक्षक राजेंद्र गुप्ता सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
समारोह में 750 से अधिक रक्तवीर उस समय खड़े हो गये जब दोनों पैरों से अपाहिज रक्तवीर अभय पोद्दार (23) सम्मान लेने मंच पर पहुंचे। उन्हें देख सबकी आंखें नम हो उठीं।
शतक लगाने वाले रक्तवीरों को किया सेल्यूट
बरेली में थल सेना में सुबेदार मेजर सुरेश कुमार सैनी (52) को विशिष्ट सेवाओं के लिये सम्मानित किया गया तो सभागार तालियों से गूंज उठा। उन्होंने 1986 से अब तक 125 यूनिट रक्तदान एवं 93 एसडीपी डोनेशन देकर तीनों सेवाओं में सर्वाधिक रक्तदान का कीर्तिमान रचा है। गणतंत्र दिवस पर हरियाणा सरकार ने उन्हें राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा। 2001 में पुंछ में एक सैनिक रामचंद्रन को गोली लगने पर उन्होंने 7 दिन में 2 बार रक्त देकर उसकी जान बचाई। एक समय शाकाहारी भोजन करते वाले मेजर गाय का दूध पीकर रक्तदान करते हैं। 2004 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी उनको पुरस्कृत किया। मेजर सैनी का संकल्प है कि जब तक सांस है, तब तक जरुरतमन्दों के लिए रक्तदान करता रहूंगा। बेटे देवेश व बेटी दीपा व डिम्पल को अपने पिता की इस प्रेरक व अनूठी मानव सेवा पर गर्व है।
मुंडन की बजाय रक्त देकर दादा को दी श्रद्धाजंलि
अहमदाबाद से एलआईसी विकास अधिकारी महेंद्र जोशी (53) स्वैच्छिक रक्तदान में शतकवीर हैं। 105 यूनिट रक्तदाने पर तीन बार उन्हें राज्यपाल ने सम्मानित किया। दादाजी के निधन पर बाल देने के स्थान पर उपवास के दिन वे जरूरतमंद को रक्त देने पहुंचे। वे गुजरात में रक्तक्रांति ग्रुप बनाकर संदेश देना चाहते हैं कि एक बार रक्त देने से जो खुशी मिलती है, वह किसी शतक से कम नहीं होती। उनके बेटे अजय भी 19 बार रक्त दे चुके हैं। अहमदाबाद में 300 थैलिसिमिक बच्चों के लिए वे रक्त का इंतजाम करते हैं। गुजरात के सूरत से योगेश ने 170, उमेश शाह ने 144, सुधीर डीपी ने 130 व मातादीन काबरा ने 102 बार एसडीपी सहित रक्तदान किया।
देश की 35 रक्तदाता संस्थाओं का सम्मान
टीम रक्तदाता समूह के श्वेतांक दीक्षित ने बताया कि कुल 35 में से 30 संस्थाएं स्वैच्छिक रक्तदान में राष्ट्रीय स्तर पर सेवाएं देती हैं। मुजफ्फरपुर उप्र के दीपक पंघाल को 117 यूनिट रक्तदान पर सम्मानित किया। आरजे हेल्प फाउंडेशन के संरक्षक एमएस नेगी राज्य में प्रतिवर्ष 10 हजार यूनिट स्वैच्छिक रक्तदान करवाते हैं। उदयपुर के गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. पंकज कुमार जैन ब्लड हेल्प सोसायटी से जुडकर अब तक 90 यूनिट रक्तदान कर चुके हैं। जयपुर के डॉ.भूपेंद्र सिंह ने 50 यूनिट, दादाबाडी की मधुलिका ने 38 यूनिट रक्तदान किया।
33 एसडीपी व 22 यूनिट रक्त देने वाले टीम के हरजिंदर सिंह ने बताया कि इस मुहिम ने देशभर के रक्तवीरों को एकसूत्र में पिरोने का कार्य किया। यमुनानगर हरियाणा के रक्तवीर संजीव मेहता, बाजपुर उत्तराखंड के सौरभ परमार, गुजरात के कमलेश शर्मा व रिषी दवे, सिहरसा बिहार के राजेंद्र कुमार, ओरंगाबाद के राजकुमार कांबले, बीना से गोल्डी अरोडा, ग्वालियर से सुधीर राव दुरापे, भिंड से बबलू सिंधी, माचलपुर से विष्णु मेराठा, मिश्रोली से रविंद्र पाटीदार, सुरजीत गोठवाल, दिव्यांशु व गौरव शर्मा सहित कोटा के 24 वर्षीय अभिषेक शर्मा को 54 एसडीपी व 7 यूनिट रक्त देने पर सम्मानित किया गया।
दुआएं कमाते हैं रक्तवीर
नेगेटिव ग्रुप के डोनर सुनील चौधरी ने कहा कि हम दुआएं कमाने के लिए जी रहे हैं। वे 14 बार इमरजेंसी में रक्त दे चुके हैं। भवानीमंडी के अनिल शर्मा व प्रदीप राठौर को भी मैडल देकर सम्मानित किया।
टीम रक्तदाता समूह के कॉर्डिनेटर जय गुप्ता ने बताया कि झालावाड़ जिले के ब्लड बैंकों में टीम द्वारा वर्षपर्यंत 500 यूनिट रक्त मुहैया कराया जा रहा है। जनवरी माह में कोटा के 4 ब्लड बैंकों को टीम ने 289 यूनिट रक्त भेजा है। टीम के सदस्य प्रतिवर्ष 2000 यूनिट से अधिक स्वैच्छिक रक्तदान करते हैं।