शहर में गियर साइकिलों का चलन हुआ दोगुना, फिट रहने के लिये युवाओं में स्पोर्ट्स साइकिलों का दौर
न्यूजवेव @ कोटा
शहर में नई तकनीक पर आधारित एसयूवी स्पोटर्स कारों व बाइक के साथ अब युवाओं में नई तकनीक पर आधारित गियर साइकिलें चलाने का जुनून बढ रहा है। शुक्रवार को नियमित साइकिल चलाने वाले युवा व्यवसायी जितेंद्र जैन ने पहली BMW क्रूज साइकिल व हेलमेट ली।
साइकिलोट्रेक्ट क्लब के हेमंत छाबडिया ने बताया कि इन दिनों 15 से 20 हजार रू की रेंज में स्पोटर्स साइकिलें तेजी से बढ़ी हैं। 13 किलो वजन वाली बीएमडब्ल्यू क्रूज साइकिल में 7 स्पीड वाले हब गियर हैं। हाइड्रोलिक हब ब्रेक से इसे किसी भी स्पीड में तुरंत रोका जा सकता है। 200 से अधिक स्टूडेंट्स व युवा रोज सुबह हेंगिंग ब्रिज तक साइकिलिग कर रहे हैं।
मोदीकेयर इंडिया के सलाहकार जितेंद्र जैन ने बताया कि BMW क्रूज साइकिल की कीमत 1.08 लाख रूपये है जिसके साथ 12 हजार मूल्य का हेलमेट भी है। 6 माह की एडवांस बुकिंग के बाद यह साइकिल कोटा पहुंची है। शहरवासी आसपास की दूरी तय करने के लिए साइकिल का ही इस्तेमाल करें, तो इससे रोजाना सैकड़ों लीटर पेट्रोल की खपत कम होगी, जिससे शहर का प्रदूषण स्तर भी कम होगा। इससे वर्कआउट के साथ सड़कों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होता है। युवाओं में केनेंडिल, मेरिडा, ट्रेक, रेले, फायर फॉक्स गियरयुक्त साइकिलों की डिमांड सर्वाधिक है।
शहर में प्रदूषण कम करने तथा फिट बने रहने के लिये अभिभावक अपने बच्चों को महंगी बाइक के स्थान पर मनपसंद साइकिलें दिलवा रहे हैं, ताकि वे पढाई के प्रेशर के दौरान रोज सुबह कुछ देर साइकिल चलाकर स्वस्थ रहें। डॉक्टर्स का मानना है नियमित साइकिलिंग करने से बच्चों को शारीरिक व मानसिक दोनो तरह की उर्जा मिलती है।
साइकिलिंग दूर करती है गंभीर बीमारियां
वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ.राहुल देव अरोड़ा ने कहा कि सस्ती हो या महंगी रोजाना 30 से 40 मिनट साइकिल चलाना जरूरी है, इससे घुटनों का अच्छा व्यायाम हो जाता है। हफ्ते में 5 दिन साइकिल चलाकर बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। शहर में दुकानदार, कर्मचारी, अधिकारी नियमित कार के स्थान पर साइकिल का उपयोग करें तो पार्किंग की समस्या भी आधी रह जायेगी। कोरोना महामारी के दौरान पॉल्यूशन व स्ट्रेस से दूर कहीं आने-जाने के लिये ट्रैफिक जाम व भीड़ भरे यातायात में संक्रमण से बच सकते हैं। नियमित साइकिल चलाने से मासंपेशियां मजबूत रहती हैं और हड्डियां लोचशीलता रहती है। जिससे हाथ पैरों के दर्द की शिकायतें कम होंगी।