बड़ा फैसला – कांकाणी काला हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान दोषी करार, बाकी 4 सह-आरोपी हुए बरी। इस बहुचर्चित मामले में करीब 19 वर्ष 6 माह बाद हुआ फैसला।
न्यूजवेव @ जोधपुर
बहुचर्चित कांकाणी काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर सीजेएम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए फिल्म अभिनेता सलमान खान को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए वाइल्ड लाइफ एक्ट की धारा 9/51 के तहत 5 साल की सजा व 10 हजार रूपए जुर्माना किया। कोर्ट में मौजूद सलमान की दोनों बहनें अलवीरा व अर्पिता फैसला सुनकर रो पडी़। सजा सुनाने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जोधुपर सेंट्रल जेल ले जाया गया।
कोर्ट ने इस मामले में अन्य सभी 4 सह-आरोपियों अभिनेता सैफ अली खान, अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे, तब्बू, नीलिमा कोठारी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। 28 मार्च को इस मामले में सीजेएम ग्रामीण देवकुमार खत्री की कोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई। इसके बाद जज ने 5 अप्रैल तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस बहुचर्चित प्रकरण में सरकारी वकील ने मुख्य आरोपी सलमान खान को 6 साल को सजा देने की मांग की थी। उन्होने कहा था कि सलमान आदतन अपराधी है, इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए। बचाव में सलमान खान के वकील आनंद देसाई ने जज से कम से कम सजा देने के लिए अपील की। उन्होने तर्क दिया कि सलमान एक नेक इंसान है, एक एनजीओ चलाते हुए कई सामाजिक कार्यों से जुडे़ हुए हैं।
विश्नोई समाज सह-आरोपियों के फैसले को चुनौती देगा
कोर्ट के फैसले के बाद विश्नोई समाज ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए शिकार मामले में सह आरोपी सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू, नीलिमा कोठारी के बरी होने के फैसले को चुनौती देने का निर्णय किया। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 52 व 53 के अनुसार, वन्यजीव का शिकार करने पर दोषियों को अधिकतम 6 वर्ष की सजा व जुर्माना किया जा सकता है।
याद दिला दें कि इससे पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने 1998 में हुई इस घटना के संबंध में 28 मार्च को मुकदमे की सुनवाई पूरी कर अंतिम फैसला 5 अप्रैल को मुकर्रर किया था।
फिल्म की शूटिंग के दौरान दो काले हिरणो का शिकार
मामले के अनुसार 1 और 2 अक्टूबर,1998 की मध्य रात्रि को लूणी थाने के कांकाणी गांव की सरहद पर फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सलमान पर अलग-अलग स्थानों पर दो काले हिरणो का शिकार करने का आरोप है। मामले में 28 लोगों ने गवाही दी थी।यह विवादित मामला पिछले 19 वर्ष 6 माह से कोर्ट में विचाराधीन था।