न्यूजवेव@ नईदिल्ली
देश मे गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 10% आरक्षण के मुद्दे पर लोकसभा में मंगलवार को करीब पांच घंटे तक जोरदार बहस हुई। सदन में 323 सांसदों ने बिल के समर्थन में मतदान किया जबकि 3 वोट विपक्ष में डाले गए।
केंद्रीय सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस विषय पर ऐतिहासिक कदम उठाने की जरूरत थी। लोकसभा में वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के साथ भेदभाव नहीं किया जा रहा है। मोदी सरकार ने 8 जनवरी मंगलवार को आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जातियों के लोगों को 10% अतिरिक्त आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया गया था। लोकसभा में इस बिल पर मुहर लगने के बाद इसे 9 जनवरी बुधवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। बिल के पास होते ही पूरा सदन भारत माता के जयकारों से गूंज उठा।
कैबिनेट ने ईसाइयों और मुस्लिमों समेत अनारक्षित केटैगरी के लोगों को नौकरियों और शिक्षा में 10% आरक्षण देने का फैसला लिया। इसका फायदा 8 लाख रुपए सालाना आय सीमा और करीब 5 एकड़ भूमि की खेती करने वाले परिवारों को मिलेगा। तीन दल राजद, अन्नाद्रमुक व एआईएमआईएम को छोड़कर शेष 17 दलों के 323 सांसदों ने बिल का समर्थन किया।