Thursday, 9 October, 2025

क्या सुशांत राजपूत की कंपनियां ‘पेटेंट‘ से सुरक्षित हैं?

IPR विशेषज्ञों की पड़ताल में कोई पेटेंट आवेदन नहीं मिला, ऐसे में SSR की 4 में से 2 कंपनियों के पेटेंट की सूचना भी संदेह के घेरे में 

न्यूजवेव @ नईदिल्ली

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड केस की रहस्यमय परतें इन दिनों सुर्खियों में हैं। बॉलीवुड में एक उभरते सेलिब्रिटी द्वारा आत्महत्या, बॉलीवुड में नेपोटिज्म और मनी लॉन्ड्रिंग केस जैसे मामले में SSR प्रकरण पर CBI जांच जारी है। जांच से ही वास्तविक कारणों का पता चलेगा। फिलहाल जांच बिंदुओं से परे, सुशांत सिंह राजपूत की कंपनियों के पेटेंट पर  IPR विशेषज्ञों की राय भी महत्व रखती है। अब तक यह प्रचारित किया गया कि SSR की 4 में से 2 कंपनियों का पेटेंट है जिससे इन कंपनियों का टर्नओवर करोडों रूपये में है। जबकि IPR विशेषज्ञों की पडताल में यह सामने आया कि उनकी कंपनियों द्वारा पेटेंट आवेदन करने की जानकारी तक नहीं मिल रही है। इस बारे में वास्तविक सच क्या है? SSR या उसकी कंपनियों के पास कोई पेटेंट अधिकार सुरक्षित हैं? यह जानने के लिये आईपीआर व पेटेंट विशेषज्ञ डॉ.परेश कुमार सी.दवे से बातचीत की।

आईपी मोमेंट सर्विसेज,नईदिल्ली के संस्थापक निदेशक डॉ.दवे ने बताया कि पेटेंट बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत अपने मालिक को आविष्कार के सार्वजनिक प्रकाशित करने अथवा सीमित अवधि के लिए उपयोग करने या बेचने से दूसरों को बाहर करने का कानूनी अधिकार देता है। यह पेटेंट अधिकार भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा पेटेंट अनुदान प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही शुरू होता है। सामान्य स्थिति में, पेटेंट आवेदन दाखिल करने पर ‘पेटेंट का अनुदान‘ लेने में 3 से 5 वर्ष लग जाते हैं जबकि जल्दी में इसे 1 से 1.5 वर्ष में लिया जा सकता है।

सुशांत सुसाइड केस में उसकी कंपनियों और उनके पेटेंट अधिकार की स्थिति फिलहाल उच्चस्तरीय जांच के दायरे में हैं। इस बारे में विश्लेषण से पता चला कि SSR का ऐसा कोई पेटेंट आवेदन प्रकाशित नहीं मिला है, जो विश्व फाउंडेशन के लिए विविडेज रियालिटी, इनसाई वेंचर्स, और फ्रंट इंडिया द्वारा दायर किया गया हो। इसी तरह, रिया चक्रवर्ती या सुशांत सिंह राजपूत के नाम से प्रकाशित कोई भी पेटेंट आवेदन नहीं मिला है।

पेटेंट आवेदन अभी तक प्रकाशित नहीं

दूसरा पहलू यह कि SSR कंपनियों ने पेटेंट आवेदन दायर किया हो, वह अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ हो। ऐसे में तकनीकी पहलू यह है कि इन कंपनियों के मूल्यांकन को केवल इसलिए नहीं बढ़ाया जा सकता है कि उन्होंने पेटेंट आवेदन दायर किया है। IPR विशेषज्ञों ने संभावना जताई कि SSR टीम ने कंपनी या उसके उत्पाद के नाम का ट्रेडमार्क दायर किया होगा। हालाँकि, Vividrage Rhealityx या Innsaei Ventures के नाम से कोई ट्रेडमार्क नहीं मिला है। इस मामले में गहराई से विश्लेषण करने पर सच्चाई सामने आ पायेगी। डॉ. दवे ने देश में IPR की जागरूकता बढाने के लिये ‘IPR-FOR-SOCIETY’ की स्थापना कर नागरिकों को पेटेंट अधिकार के पहलूओं की जानकारी देने का प्रयास किया है।

(Visited 631 times, 1 visits today)

Check Also

मेड़तवाल समाज को डिजिटल तकनीक से जोड़ने की ऐतिहासिक पहल

नवाचार : ‘Medatwal Connect’ एप से विवाह योग्य जीवनसाथी ढूंढने की प्रक्रिया होगी आसान, सभी …

error: Content is protected !!