Thursday, 12 December, 2024

झुंझुनूं में पीएम मोदी ने दिया नया नारा- PM मतलब पोषण मिशन

झुंझुनूं. अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 2018 के अवसर पर राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झुंझुनूं की धरती से देश को नया नारा दिया है। मोदी ने कहा कि पीएम का मतलब आज से पोषण मिशन हो गया है। पीएम की भले ही आलोचना करे, अच्छा बुरा कहने का मन करे, लेकिन पीएम का मतलब पोषण मिशन होना चाहिए। यह जन आंदोलन बनेगा तभी कुपोषण के खिलाफ जंग में जीत मिलेगी।

 

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की तीसरी वर्षगांठ एवं विश्व महिला दिवस पर झुंझुनूं आए मोदी ने अभियान को पूरे देश में शुरू करने का ऐलान किया। इसके साथ ही राष्ट्रीय पोषण मिशन कार्यक्रम की भी शुरूआत की। सभा को केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी और मुख्यमंत्री वसुधरा राजे ने भी सम्बोधित किया।

 

मोदी ने कहा कि दुनिया में 100 साल से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना जा रहा है, लेकिन आज पूरा देश झुंझनू के साथ जुड़ गया है। मोदी ने कहा मैं झुंझुनूं ऐसे ही नहीं आया। सोच विचार कर आया हूं। बेटी बचाओ, बेटी अभियान के तहत किए इस जिले में शानदार कार्य हुआ है। इस कार्य ने उन्हें यहां आने के लिए मजबूर कर दिया। यहां की जनता ने खींच कर उन्हें बुला लिया। ऐसे में यहां की मिट्टी को माथे पर चढ़ाने के लिए आ गया।

झुकना नहीं, जूझना जानता है झुंझुनूं

सभा के दौरान मोदी ने कहा कि झुंझुनूं ने यह साबित कर दिया है कि यहां के लोग झुकना नहीं, जूझना जानते हैं। यह वीरों की धरती है। समाजसेवा, शिक्षा, दान-पुण्य का काम हो या देश के लिए मर मिटने की बात हो। देश को झुंझुनूं से प्रेरणा और ताकत मिलेगी।

 

जन आंदोलन से मिलेगी सफलता

मोदी ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं अभियान से स्थिति में सुधार आया है, लेकिन मन को पीड़ा इस बात की है कि महान संस्कृति और परंपराओं वाले देश में वो कौन सी बुराइयां घर कर गई कि अपने ही घर में बेटी को बचाने के लिए हाथ पैर जोडऩे पड़ रहे हैं। सरकारी धन खर्च करना पड़ रहा है। कई दशकों से विकृत मानसिकता, गलत सोच और सामाजिक बुराइयों के कारण बेटियों की बली का रास्ता चुन लिया गया। बेटियां नहीं होगी तो समाज की दुर्दशा होगी। स्त्री व पुरुष की समानता से ही सामाजिक चक्र चलता है।

यह पीढिय़ों से चली आ रही बुराई है। तत्काल सुधार नहीं हो सकता। हमे यह तय करना होगा जितने बेटे पैदा होंगे, उतनी ही बेटियां पैदा होगी। जितना बेटा पढ़ेगा तो उतनी ही बेटी भी पढ़ेगी। इसकी शुरुआत हमें आज से ही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर घर में सास कह दे कि हमें बेटी चाहिए तो किसी की हिम्मत नहीं है कि बेटी को पैदा होने से रोक दे। बेटियों के जन्म के लिए जागरुकता फैलानी होगी।उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत अच्छा कार्य करने वाले जिलों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने पवित्र कार्य किया है। जब सास कह देगी हमें बेटी चाहिए तब इस अभियान की सफलता को कोई नहीं रोक सकेगा।

हरियाणा में तेजी हुआ सुधार

मोदी ने कहा कि हरियाणा में स्थिति खराब थी। इसलिए इस अधियान की शुरूआत हरियाणा से की गई, लेकिन अब वहां परिस्थितियों में सुधार हुआ है। उस दौरान यह अभियान 161 जिलों में शुरू किया गया था, लेकिन अब पूरे देश में शुरू कर दिया गया है। जहां पहले से स्थिति अच्छी है। वहां पर इससे अधिक अच्छा करने के लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा आज देश में बेटियां नाम रोशन कर रही हैं। जो लोग मानते हैं कि बेटा है बुढ़ापे में काम आएगा तो ये गलत है। कई परिवार ऐसे देखे है कि बेटे आराम की जिंदगी जीते है, लेकिन मां-बाप वृद्धाश्रम में रहते है। वहीं इकलोती बेटी मां-बाप के लिए रोजगार करती है। उन्हें बुढ़ापे में परेशानी नहीं हो, इसके लिए वे शादी तक नहीं करती है।

 

 

 

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