परोपकार : पति मनीष ने पत्नी का मरणोपरांत करवाया नेत्रदान
न्यूजवेव @ कोटा
सुंदर, सौम्य व अपनी मुस्कान से हमेशा सबका दिल जीत लेने वाली 45 वर्षीया मानकंवर का 6 फरवरी को तलवंडी के निजी अस्पताल में आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन से अचानक परिवार में गमों का पहाड़ टूट पड़ा। रावतभाटा रोड पर सोलंकी फार्म हाउस डॉल्फिन पूल निवासी पति मनीष पत्नी के आकस्मिक बिछोह से बेसुध हो गये। शोक की घड़ी में जैसे ही उनको याद आया कि अंतिम संस्कार में पत्नी की देह अग्नि को समर्पित हो जायेगा, उन्होंने तुरंत अपने साले शम्मी कपूर और शाइन इंडिया फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य पिंकू पांचाल से मन की पीडा बताते हुये कहा कि पत्नी के शरीर से कोई अंग यदि किसी जरूरतमंद की जिंदगी में काम आ सके तो वे इसके लिये तैयार हैं।
इस पर उन्होंने शाइन इंडिया फाउंडेशन से संपर्क किया और अस्पताल में ही नेत्रदान के लिये टीम पहुंच गयी। नेत्रदान की पूरी प्रक्रिया मनीष व छोटी बहन अनिता कपूर के सामने पूरी की गई। मानकंवर के परिजनों का मानना है कि जानकारी के अभाव में लोग शरीर के कीमती अंगों को जलाकर पूरी तरह खाक कर देते हैं, जिनसे मृतक की सारी यादें भी वहीं खत्म हो जाती है। इससे उलट यदि किसी के मरणोपरांत नेत्रदान जैसा पुण्य कार्य करवा दिया जाये तो मृतक की आत्मा को सच्ची शांति मिलती है। शोकाकुल परिवार को इस परोपकार के बाद गर्व होता है कि उनके बीच से कोई सदस्य ईश्वर के पास पहुंचा है लेकिन किसी रूप में वो अपनी यादें यहां छोड़ गया है, जिससे दूसरे की जिंदगी खुशहाल हो उठती है।
छोटी बहन अनिता ने कहा कि मानकंवर घर परिवार व रिश्तेदारों की किसी भी परेशानी को पलभर में दूर कर देती थी। उनके साथ थोड़ी देर बैठ जाओ तो ऐसा कोई दुख नहीं जो दूर न हो सके। उनकी इस भावना को देखते हुये हमने नेत्रदान करवाया है। यदि किसी की आँखों का अँधियारा हमारी भाभी की आँखो से दूर होता है,और उसके चेहरे पर हल्की सी भी मुस्कान आती है, तो हम समझेंगे हमारी ‘‘मानू‘‘ अभी जीवित है।
किसी की आँखों में मुस्कुरायेंगी मानकंवर
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