लाइव संवाद : तारक मेहता फेम टीवी अभिनेता शैलेष लोढ़ा ने एलन में हजारों कोचिंग विद्यार्थियों से हुये रूबरू
न्यूजवेव @ कोटा
लोकप्रिय हास्य टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फेम अभिनेता, लेखक एवं कवि शैलेष लोढ़ा शनिवार को कोटा में हजारों कोचिंग विद्यार्थियों से रूबरू हुये। एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट के सम्यक कैम्पस में उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, अपनी तुलना कभी किसी से मत कीजिए। आप जो भी हैं, अपने आप में परफेक्ट हैं। मैराथन में सिर्फ विजेता वही नहीं होता, जिसने दौड़ जीती हो बल्कि वो भी विजेता है, जिसने पिछली बार दौड़ पूरी नहीं की। वह भी विजेता है, जो पिछली बार क्वालिफाई नहीं हो सका था लेकिन इस बार हो गया। जीतता वह भी है जिसने पहले से कम समय में दौड़ पूरी कर ली। इसलिये प्रवेश परीक्षा में यदि सलेक्शन नहीं होता है तो यकीन मानिए ऊपर वाले ने आपके लिए कुछ और अच्छा सोच रखा है। हमें जीवन में रिजेक्शन से नहीं घबराना है। रिजेक्शन का सामना जोश के साथ करें। गलतियों से सीख लें और जीत के लिये आगे बढ़ें।
बच्चों के सपनों का शहर है-कोटा
शैलेष ने कहा, हम देश-दुनिया में जहां भी जाते हैं राजस्थान के कोटा शहर का नाम सुनकर गर्व होता है। शिक्षा की काशी कोटा ने इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में नये आयाम बनाये हैं। यह शहर बच्चों का ड्रीम डेस्टिनेशन है। ऐसा छोटा सा शहर है जहां पढ़ाई के लिए देश में सबसे अच्छा माहौल है।
समारोह में कोटा रेंज के डीआईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा, जिला कलक्टर ओ.पी. बुनकर, एडिशनल एसपी भगवत सिंह हिंगड़, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ.बृजेश माहेश्वरी सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
जो करने आये हैं, उसे मन से करें
उन्होनें कोचिंग विद्यार्थियों से कहा, आप कम उम्र में देश के हर कोने से अपने सपने साकार करने यहां आए हैं याद रखें जो करने आएं मन से करें। यह तैयारी तो सिर्फ एक पड़ाव है, जिंदगी नहीं। कई बार आपको पता नहीं होता है कि जीवन में करना क्या चाहते हैं। एक बार यह समझ आ गया कि क्या करना है तो फिर आपको कोई नहीं रोक सकेगा।
हर हाल में खुश रहिए
हास्य कवि शैलेष ने कहा, हर हाल में सिर्फ खुश रहिए, इसके लिए सुविधाओं की जरुरत नहीं। पुराने दिनों की याद ही बहुत होती है। हंसिए, दूसरों को भी हंसाइए। कभी अपने बचपन के दोस्तों व स्कूल में बिताया समय याद कीजिए। आपके चेहरे पर अपने आप मुस्कुराहट आ जाएगी। अकेले मत रहिए। दोस्त बनाइए और अपने मन की बात उनसे शेयर करिए। आज कम्यूनिकेशन की बहुत कमी है। इससे कई समस्याओं को आसानी से हल निकल जाता है।
बच्चे किसी मैच की ट्रॉफी नहीं हैं
शैलेष लोढ़ा ने अभिभावकों से भी कहा कि आपके बच्चे किसी मैच की ट्रॉफी नहीं हैं, जो उन्हें आपके सपने पूरे करके जीत कर लानी है। अपने सपनों का बच्चों पर बोझ नहीं बनायें। आपका बच्चा आपके सपनों को पूरा करने की मशीन नहीं हैं। उससे बात करिए और जानिए कि वो खुद क्या करना चाहता है। अपने बच्चों के सपनों को पूरा करना ही आपका सपना होना चाहिए।