तीन दिवसीय हनुमंत त्रिवेणी कथा का भव्य कलश यात्रा से शुभारंभ, प्रवचन सुनने उमड़ा भक्तों का सैलाब
न्यूजवेव @ कोटा
प्रेरक एवं आध्यात्मिक गुरू पं. विजय शंकर मेहता ने कहा कि ‘हनुमान त्रिवेणी’ जीने की राह पर चलने की सबसे सुंदर कथा है। हनुमान केे जीवन में बड़ी कठिनाईयां आई, परन्तु उन्होंने सभी का मुस्कुराकर सामना किया।
अखिल राजस्थान सनाढ्य ब्राह्मण महासभा की ओर से गोदावरी धाम स्थित हनुमंत वाटिका में तीन दिवसीय हनुमंत त्रिवेणी कथा में पहले दिन किष्कंधाकाण्ड सुनाते हुए कहा कि हनुमान के जीवन चरित्र से हम कई सीख लेकर व्यक्तित्व विकास कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर संतान अच्छा काम करती हैं तो खुशी माता-पिता को मिलती है, इसलिए बच्चेे हमेशा ऐसे काम करें, जिससे माता-पिता और परिवार को सुख मिले। किष्कंधाकांड सुनाते हुए उन्होंने कहा कि राम ने जब राजा बलि का वध किया तो अंतिम दौर में राजा बलि दुनिया को एक बात सिखा गए कि समय रहते अपनी संतान को भगवान के हाथ में सौंप दीजिए वरना बाद में पछताना पड़ेगा। क्योंकि आने वाले समय में अशांति, संघर्ष का दौर और दुर्गुणों की आंधियां चलेंगी।
उन्होंने माता-पिता-संतान के रिश्ते का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि राजा बलि के बेटे अंगद ने आज की पीढी को यह सीख दी कि सबसे साफ नीयत माता-पिता की है। लेकिन माता-पिता की सबसे बड़ी समस्या यह है कि बच्चे उनकी बात नहीं मानते हैं।
उन्होंने सूत्र दिया कि 50 साल पहले आदेश आधारित सिद्धांत से बच्चे पाले गए, कोई एक व्यक्ति आदेश देता था तो उस आदेश को पूरा परिवार-घर मानता था। कुछ समय बाद नया सिद्धांत आया, विचार-विमर्श, बच्चे सीधे कहना नहीं मानते पर थोड़ा विचार-विमर्श के बाद मान लेते थे।
परिवारो में वाद-विवाद के सिद्धांत का चलन
लेकिन आजकल जो सिद्धांत चल रहा है वह है- वाद-विवाद का। बच्चे माता-पिता से सीधे वाद विवाद कर रहे हैं। परिवारों में नई थ्यौरी आई है, सीधे इंकार करने की। हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि भारतीय परिवार में बच्चे बड़ों की बात नहीं मानेंगे। आज बिरले ही बच्चे ऐसे होंगे जो अंगद की तरह माता-पिता की बात सुन रहे हों।
उन्होंने श्रद्धालुओं को संकल्प दिलाया कि आप घर में प्रवेश करें तो जो भी सदस्य सामने दिखे उसे देखकर मुस्कुराना, ऐसा करके आप घर में एक अलग तरह का खुशनुमा व सकारात्मक माहौल महसूस करेंगे।
महासभा के प्रदेश महामंत्री किशन पाठक ने बताया कि कथा में संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेन्द्र द्विवेदी, विधायक संदीप शर्मा, वीएमओयू के कुलपति डॉ.अशोक शर्मा, आरटीयू के कुलपति प्रो.एन.पी. कौशिक, राजस्व अपील अधिकारी पंकज ओझा, भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम शर्मा, ओपेरा गु्रप के चेयरमेन महेश शर्मा, उद्यमी राजेश शर्मा, अनिल तिवारी सहित प्रबुद्धजन प्रवचन सुनने पहुंचे।
आयोजन समिति के पदाधिकारी दीपक शर्मा, पंडित गोविन्द शर्मा, हेमंत सनाढ्य, दिनेश शर्मा, डॉ. सुधीर उपाध्याय, भुवनेश्वर शर्मा चच्चू, हरि सूदन शर्मा, विजय भारद्वाज, राम नरेश शर्मा, रेनू शर्मा, शकुंतला जोशी, मुक्ति पाराशर, अंशुमति जोशी, भूपेंद्र पुरोहित, देवीशंकर पाठक, सत्यनारायण जोशी, राजेन्द्र शर्मा बीएमएस, राजू तिवारी, पंडित प्रदीप जोशी, नरेन्द्र शर्मा, घनश्याम शर्मा, रूपेश शर्मा, पीयूष जोशी, मुकेश जोशी, मालसी शर्मा, बीना शर्मा ने पं.विजय शंकर मेहता का स्वागत किया।
गुरूवार सुबह दादाबाड़ी शास्त्री नगर स्थित राम मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई, जो विभिन्न मार्गों से होती हुई गोदावरी धाम स्थित हनुमान वाटिका पहुंची। मार्ग में जगह-जगह कलश यात्रा का भव्य स्वागत हुआ।