Thursday, 12 December, 2024

इसलिये लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी

महर्षि गौतम उद्यान आरके पुरम में राघवेंद्र कला संस्थान द्वारा मंचित रामलीला में महामुनि अगस्त मिलन, सीता हरण एवं शबरी मिलन का मंचन न्यूजवेव @कोटा
चित्रकूट से आगे भगवान श्रीराम वन में प्रस्थान करते हुये महामुनी अत्रि के आश्रम में पहुंचते हैं जहां अनसूया सीता को नारी के विभिन्न गुणों की जानकारी देती है और उन्हें चमत्कारिक वस्त्र भेंट करती है। वहां से श्रीराम आगे चलते हैं तो मार्ग में भक्त सुतीक्ष्ण मिलते हैं जिन्हें श्रीराम उनके हृदय में रहने का आशीर्वाद देते हैं।
वहां से श्रीराम उनके गुरु महामुनि अगस्त के आश्रम पहुंचते हैं। महामुनि अगस्त श्रीराम और लक्ष्मण को वह आयुध तथा शक्तियां प्रदान करते हैं जिससे वह दुष्ट निशाचारों का वध कर सकें तथा पंचवटी स्थान बताते हैं जहां पर रहकर वह प्रहरी की भांति ऋषि मुनि द्रोही निशाचरों को आश्रम से रोक सके। श्रीराम लक्ष्मण और सीता पंचवटी को अपना स्थान बनाते हैं। कुछ समय बाद रावण की बहन शूर्पणखा वहां आती है जो राम और लक्ष्मण को देख मोहित हो जाती है तथा उनके समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखती है।

जब श्रीराम कहते हैं कि वह विवाहित हैं और एक नारीव्रत रखते हैं तो शूर्पणखा सीता को अपने विकराल रूप में खा जाना चाहती है। शूर्पनखा का भयानक रूप देख पंडाल में बैठे बच्चे डरने लगते हैं। श्रीराम के निर्देश पर लक्ष्मण शूर्पनखा की नाक काट देते हैं। वह बिलखती हुई अपने भाई खरदूषण तथा तीसरा के पास पहुंचकर सारा वृत्तांत बताती है। तीनों भाई अपार राक्षसों की सेना लेकर राम लक्ष्मण पर आक्रमण कर देते हैं जिनका श्रीराम वध करते हैं। इसके उपरांत शूर्पनखा दुहाई देती हुई लंका पति रावण के भवन में पहुंचती है तब रावण सीता हरण की योजना बनाते हैं। मामा मरीज को स्वर्ण मृग बनाकर पंचवटी भेजते है। मृग को देखकर सीता मोहित हो जाती हैं तथा श्रीराम से उसकी चर्म लाने की हट करने लगती है। श्रीराम, सीता की हट पर स्वर्ण मृग के आखेट के लिये जाते हैं और पीछे से अकेली सीता को देखकर रावण सीता का हरण कर लेता है।
शबरी को मिला नवधा भक्ति का ज्ञान
मार्ग में गिद्धराज जटायु रावण को रोकने का प्रयास करता है लेकिन रावण के हाथों मारे जाते हैं। सीता को खोजते हुए श्रीराम विलाप करते हुए आगे की ओर बढ़ते है। श्रीराम का विलाप देख श्रद्धालु भावुक हो जाते हैं। वहां से श्रीराम शबरी आश्रम पहुंचते हैं जहां पर उन्हें अपने झूठे बेर खिलाती है जो श्रीराम प्रेमपूर्वक खाते हैं तथा शबरी को नवधा भक्ति का ज्ञान प्रदान करते हैं। शबरी के बताएं अनुसार श्रीराम वन में आगे की ओर प्रस्थान करते हैं तथा ऋषमूक पर्वत पर वानर राज सुग्रीव से भेंट हेतु जाते हैं।
इस अवसर पर समिति अध्यक्ष योगेश विजय, ओमप्रकाश शर्मा, पार्षद मोहनलाल नंदवाना इत्यादि लोगों ने श्रीराम लक्ष्मण सीता की महाआरती कर रामलीला का शुभारंभ किया। रामलीला का लाइव मंचन प्रतिदिन यूट्यूब पर गुरु दर्शन चैनल  (Guru Darshan) पर किया जा रहा है, जिसे श्रद्धालु घर बैठे भी देख सकते हैं।

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