Monday, 13 January, 2025

अंतरिक्ष स्टार्ट अप में निवेश 124.7 मिलियन डालर हुआ

10 वर्ष में स्टार्टअप एक से बढ़कर 189 हो गये
न्यूजवेव @नई दिल्ली
भारत में स्पेस स्टार्ट-अप की संख्या 2014 में केवल 1 थी जो 2023 में बढकर 189 हो गई है। इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप में निवेश बढ़कर 124.7 मिलियन डॉलर हो गया है। केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह बात कही।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 की घोषणा की है, जो अंतरिक्ष गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीई) की शुरू से अंत तक भागीदारी को सक्षम बनाती है। उन्होंने बताया कि कुछ एनजीई ने अपने स्वयं के उपग्रह लॉन्च किए। कई अन्य अंतरिक्ष उद्योग और स्टार्ट-अप भी अपने स्वयं के उपग्रह और तारामंडल का निर्माण कर रहे हैं। ये उपग्रह कृषि, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण निगरानी आदि में अनुप्रयोगों में योगदान देंगे। वन एनजीई ने अपना उप-कक्षीय प्रक्षेपण यान लॉन्च किया।


एनजीई द्वारा पहली बार इसरो परिसर के भीतर एक निजी लॉन्चपैड और मिशन नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया। उस एनजीई द्वारा उप-कक्षीय प्रक्षेपण शीघ्र ही निर्धारित है। निजी कंपनियाँ उपग्रह-आधारित संचार समाधान तलाश रही हैं। निजी क्षेत्र में उपग्रह एकीकरण और परीक्षण सुविधाएं शुरू हो रही हैं।
इसके साथ ही सैटेलाइट सबसिस्टम और ग्राउंड सिस्टम का स्थानीय विनिर्माण निजी क्षेत्र द्वारा किया जा रहा है। भारतीय निजी अंतरिक्ष कंपनियाँ तेजी से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष संगठनों और कंपनियों के साथ सहयोग और साझेदारी में प्रवेश कर रही हैं। अब उम्मीद है कि निजी क्षेत्र उपग्रह निर्माण, प्रक्षेपण यान निर्माण, उपग्रह सेवाएं प्रदान करने और ग्राउंड सिस्टम के निर्माण में स्वतंत्र रूप से एंड-टू-एंड समाधान अपनाएगा। यह सच में शक्ति को बढ़ाने वाला है।

(Visited 109 times, 1 visits today)

Check Also

कोचिंग स्टूडेंट्स की देखभाल हेतु ‘कोटा केयर्स’ अभियान का शुभारंभ

. जिला प्रशासन एवं कोटा स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी की अनूठी पहल . शहर का हर …

error: Content is protected !!