कोटा के युवा आईआईटीयन सारांश गुप्ता ने स्टूडेंट्स के 5 हजार सवालों पर लिखी स्ट्रेटे-जेईई बुक
न्यूजवेव @ कोटा
हर स्टूडेंट के मन में एक सवाल रोज उठता है- मनपंसद आईआईटी में वह कैसे पहुंच सकता है, किस रणनीति से पढाई हो, जिससे सलेक्शन पक्का हो जाए। वह पेरेंट्स की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहता है। अपने सपने का कड़ी मेहनत से सच कर दिखाना चाहता है।
एक स्टूडेंट के इन सवालों और जिज्ञासाओं के जवाब एक आईआईटीयन कोचिंग फैकल्टी के पास होते हैं, जो खुद इसी दौर से निकलकर सफल हुए हैं।
कुछ ऐसा ही प्रयास किया है कोटा के युवा आईआईटीयन शिक्षक सारांश गुप्ता ने। उन्होंने 5 हजार से अधिक स्टूडेंट्स पर सर्वे कर उनके मनोविज्ञान को समझा। उनके मन में उठ रहे सवालों को टटोला। फिर उनके समाधान के लिए एक सटीक स्ट्रेटेजी बनाने में जुट गए।
इस माह उनकी पहली पुस्तक ‘स्ट्रेटे-जेईई‘ लांच की गई। एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट में 5 साल फिजिक्स के टीचर रहे आईआईटीयन सारांश गुप्ता इन दिनों हायर एजुकेशन को सबके अनुकूल बनाने के लिए नई तकनीक के उपयोग पर कार्य कर रहे हैं।
सारांश का कहना है कि बुक में हर वह छोटी बात शामिल की गई जो स्टूडेंट को परीक्षा देने के बाद अनुभव होती है। स्ट्रेटे-जेईई का सीधा सा अर्थ है- ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम के लिए स्ट्रेटजी यानी रणनीति क्या और कैेसी हो। राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.एन.पी.कौशिक ने बुक लांचिंग कर इसेे सभी इंजीनियरिंग स्टूडेंट के लिए बहुत उपयोगी व सामयिक बताया। 125 पेज की इस बुक ओकब्रिज पब्लिकेशन,दिल्ली से प्रकाशित हुई।
इन 4 पॉइंट्स पर फोकस है स्ट्रेटे-जेईई
हर दूसरे सप्ताह होने वाले टेस्ट में परफॉर्मेंस बनाए रखने के लिए तैयारी कैसे करें। टेस्ट का एनालिसिस कैसे करें। फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स में तालमेल कैसे बिठाएं। ऑनलाइन एग्जाम की चुनौतियां से खुद को कैसे तैयार करें। एग्जाम से एक महीने पहले किस तरह खुद को तैयार करें।
मोटिवेशनल टिप्स भी
बुक में कुछ इंटरव्यू व उदाहरण देकर स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने पर ध्यान दिया गया। आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम टॉपर अचिन बंसल व साई संदीप के इंटरव्यू इसमें शामिल हैं। विपरित परिस्थितियों के बावजूद पढ़ाई करके आईआईटी में चयनित विद्यार्थियों के इंटरव्यू नई उर्जा देती है।
आईआईटी कैंपस लाइफ
बुक के इस पार्ट में आईआईटी में एडमिशन के बाद वहां क्या संभावनाएं जागृत होती है। आईआईटी की पढ़ाई आपके जीवन को कैसे नई दिशा देती है। इंजीनियरिंग के साथ ओवरऑल डेवलपमेंट निखारने का अवसर आईआईटी में मिलता है। ऐसे रोचक व प्रेरक किस्से बुक में पठनीय हैं।
युवा आईआईटीयन- सारांश गुप्ता
कोटा में जन्मे आईआईटीयन सारांश गुप्ता क्लास-10 में अच्छे मार्क्स लाने पर राज्यस्तर पर पुरस्कृत हुए। तत्कालीन राज्यपाल प्रतिभा पाटिल ने सीबीएसई बोर्ड में 94.6 प्रतिशत मार्क्स अर्जित करने पर सम्मानित किया। उन्होंने आईआईटी कोचिंग लेकर ऑल इंडिया रैंक- 41 हासिलकी। आईआईटी मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया। पढाई के दौरान गूगल व मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट जर्मनी में इंटर्नशिप की। इसके बाद ऑरेकल और गोल्डमैन सेक में बतौर सॉफ्टवेयर डवलपर और सीनियर एनालिस्ट काम किया।
तकनीकी क्षेत्र में अनुभव के बाद एजुकेशन में रूचि होने से एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट से जुड़े़। यहां 5 साल तक फिजिक्स पढ़ाई। हजारों विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया। इस दौरान विद्यार्थियों की समस्याओं को समझा और उनके समाधान के लिए स्ट्रेटजी सिखाना शुरू कर दिया। विद्यार्थियों ने इनके सशक्त मार्गदर्शन में अपने लक्ष्य प्राप्त किए। वर्तमान में सारांश गुप्ता एजुकेशन एवं टेक्नोलॉजी का अनुभव लेकर दोनों को मिलाने का काम कर रहे हैं। एजुकेशन को टेक्नोलॉजी की मदद से अफोर्डेबल, एक्सेसबल एवं थॉटफुल बनाने का कार्य कर रहे हैं।