इंटरनेशनल सेमिनार : कॅरिअर पॉइंट आर्ट्स कॉलेज की ओर से राष्ट्रीय बदलाव के लिए सामाजिक परिवर्तन एवं व्यक्तिगत जिम्मेदारी विषय पर हुआ मंथन।
न्यूजवेव@ कोटा
कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी कोटा के आर्ट्स कॉलेज की ओर से 5 दिसम्बर को राष्ट्रीय बदलाव के लिए सामाजिक परिवर्तन एवं व्यक्तिगत जिम्मेदारी विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ।
मुख्य वक्ता अफ्रीका के नाइजिरिया के शिक्षाविद् डॉ. नसीरू मोडीबो ने कहा कि वर्तमान समय में भारत में आरक्षण व्यवस्था भविष्य के लिए घातक है। अफ्रीका के नाइजिरिया में आरक्षण जैसी कोई चीज नहीं है। वहां पर युवा अपनी काबिलियत के दम पर आगे बढ़ता है। आरक्षण देश की प्रतिभाओं के दमन का हथियार है जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है। भारतीय संविधान में इसकी एक समय सीमा थी, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के चलते इसे अब तक समाप्त नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि बेहतर राष्ट्र निर्माण के लिए समाज व व्यक्ति में बदलाव समय की मांग है।
अधिकार और कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलू है। इन दोनों के तारतम्य से ही सही दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। अधिकार के साथ कर्तव्य को जोड़कर चलना होगा। एक जागरूक समाज के लिए जिम्मेदार नागरिक बनना जरूरी है। जहां सिर्फ अधिकारों की बात होती है वहां पतन तय है और जर्मनी देश को इसके एक उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है। अधिकार व कर्तव्य को बेलेंस रखें।
सर्वोच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र है कि वो हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करे, वहीं सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आकर नागरिकों को उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना चाहिए, ताकि हम बेहतर कल की तरफ तेजी से कदम बढ़ा सकें।
डॉ. मोडिबो ने कहा कि किसी भी देश की तरक्की के लिए वहां की अच्छी नीतियां कारगर साबित होती है और अच्छे लोकसेवक ही अच्छी नीतियों का ढांचा तैयार करते है। संविधान लोक प्रशासन का अहम पार्ट है। उन्होंने लोकप्रशासन की विस्तृत व्याख्या भी की।
सेमिनार में सीपीयू के वाइस चांसलर प्रो. सुमेरसिंह, अकादमिक निदेशक डॉ. गुरूदत्त कक्कड़, स्कूल ऑफ आर्टस एण्ड ह्यूमिनिटीज की कॉर्डिनेटर मिथलेश मालवीय, पल्लवी शर्मा सहित बीए प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष के स्टूडेंट्स मौजूद रहे।
कॅरिअर पॉइंट ऑर्ट्स कॉलेज की ओर से मुख्य वक्ता डॉ. मोडिबो को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सीपीयू के अकादमिक निदेशक डॉ. गुरूदत्त कक्कड़ ने आभार जताया।
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