जेईई-एडवांस्ड,2019 : मैथ्स गुरू एवं न्यूक्लियस एजुकेशन के निदेशक अमरनाथ आनंद (अन्ना सर) से जानें सक्सेस मंत्र
न्यूजवेव@ कोटा
देश की 23 आईआईटी में प्रवेश के लिये 27 मई को आयोजित होने वाली जेईई-एडवांस्ड,2019 परीक्षा का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। कम्प्यूटर बेस्ड मोड में होने वाली इस परीक्षा के लिये जेईई-मेन,2019 से 2.45 लाख परीक्षार्थियों को क्वालिफाई घोषित किया गया है। अंतिम तिथी तक 1.71 लाख विद्यार्थियों ने इसके लिये पंजीयन करवाया है
इंजीनियरिंग की सबसे कठिन अंतरराष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा कंसेप्चुअल होती है। इसलिये अंतिम दिनों में पढाई के साथ सही रणनीति बनाकर पेपर दें जिससे आपके सपने साकार हो सके।
नींद का साइकिल: जेईई-एडवांस्ड परीक्षा से पहले अपनी कार्यक्षमता बढाने के लिये विद्यार्थी नींद का प्रभावी पैटर्न लागू करें। जिससे सुबह 9 से 12 बजे तक एवं दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक दक्षता बनाये रखने के लिये अंतिम दिनों में रात 10 बजे सोकर सुबह 6 बजे उठने का अभ्यास करें। इससे कार्यक्षमता के लिये नई एनर्जी मिलेगी।
फूड हेबिट्स: गर्मी के मौसम में विद्यार्थी संतुलित डाइट लें। फल, सलाद, जूस, पानी, केले आदि का सेवन करते रहें।
सिलेबस से घबराएं नहीं: जेईई-एडवांस्ड की तैयारी में सिलेबस से कुछ छूट गया है तो घबराएं नहीं। क्योंकि पेपर हल करते समय भी कुछ प्रश्न छूट जाते हैं। अनावश्यक चिंतित होने से बेहतर है कि जो आपने कवर किया है, प्रेक्टिस की है, उस पर फोकस करते हुये दृढ़निश्चय के साथ पेपर हल करें। इससे आत्मविश्वास बढेगा।
समय प्रबंधन: पेपर हल करते समय फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स तीनों सब्जेक्ट में टाइम मैनेजमेंट का पूरा ध्यान रखें। सब्जेक्ट की जगह प्रश्नों को मैनेज करें। इससे आपका स्कोर बढ़ जाएगा। प्रत्येक सब्जेक्ट में कुछ टॉपिक कठिन व ट्रिकी होते हैं। ऐसे प्रश्नों को शुरू में छोड दें और अंत में उन्हें हल करें। याद रखें, किसी भी प्रश्न को 3 से 5 मिनट से अधिक समय नहीं दें।
पेपर के निर्देश देखें: पेपर के सभी निर्देेशों को ध्यान से पढें। किसी प्रश्न को हल करते समय उसे सावधानी से पढें, किसी महत्वपूर्ण सूचना की अनदेखी न करें। प्रत्येक प्रश्न में सही कंसेप्ट व फॉर्मूला अपनाएं। कई बार विद्यार्थी ऐसे फार्मूला का प्रयोग कर लेते हैं जो उस प्रश्न में दी गई शर्तों पर लागू ही नहीं होता है। केलकुलेशन को सही ढंग से करें और विकल्प देखें। हमें प्रत्येक प्रश्न को हल करते समय बहुत एकाग्रता रखनी होगी।
धैर्य की परीक्षा: पेपर देते समय विद्यार्थी के धैर्य की भी परीक्षा होती है। शांत व धैर्य के साथ प्रश्नों को हल करते चलें। एक प्रश्न सॉल्व नहीं होने पर चिंतित होने या आक्रोश में आने से अगले प्रश्नों पर इसका प्रभाव पड़़ता है। इसलिये हर मिनट कूल रहें।
अंतराल में यह ध्यान रखें: पेपर-1 व पेपर-2 के बीच 2 घंटे के अंतराल में पेपर से संबंधित किसी भी चर्चा में शामिल नहीं हों। दूसरा पेपर भी आप पहली बार दे रहे हैं, इसलिये उसमें भी अपना 100 प्रतिशत करें। स्वयं को कूल रखें।
परीक्षा का दिन व पेपर सभी के लिये एक समान है। इसलिये किसी अन्य दया पर निर्भर नहीं रहें, पूरे आत्मविश्वास के साथ पेपर देने पहुंचे। शांत मन से अपनी क्षमता व रणनीति पर फोकस करें। विजय का विश्वास लेकर पेपर देने पहुंचे।