Friday, 11 October, 2024

जेईई-एडवांस्ड परीक्षा के 2.24 लाख विद्यार्थियों को मिले GST से छूट

विरोध : प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एमएचआरडी मंत्रालय को भेजा पत्र, 19 मई को होगी ऑनलाइन परीक्षा, पंजीयन शुल्क पर जीएसटी लागू करने पर सवाल उठाए

न्यूजवेव@ कोटा

देश के 23 आईआईटी में दाखिले के लिए 2.24 लाख से अधिक परीक्षार्थी 19मई को जेईई-एडवांस्ड-2019 परीक्षा देंगे। आईआईटी रूडकी द्वारा जारी पोस्टर के अनुसार, इस वर्ष भी परीक्षार्थियों पर निर्धारित पंजीयन शुल्क के साथ जीएसटी देय होगा।

प्रदेेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव पंकज मेहता ने इसका विरोध करते हुये सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली को पत्र भेजा  है।  उन्होंने मांग की है कि देशभर से चयनित 2.24 लाख होनहार विद्यार्थी कम्प्यूटर से जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देंगे, उनसे परीक्षा शुल्क कम करने की बजाय जीएसटी का भार क्यों बढ़ाया जा रहा है। देश की सभी प्रवेश परीक्षाओं पर आवेदन शुल्क के साथ जीएसटी की वसूली अविलम्ब बंद की जानी चाहिये।

मेहता ने लिखा कि आयोजक संस्था आईआईटी, रूडकी को परीक्षा पंजीयन शुल्क से करीब 45 करोड़ रू की आय होगी, जबकि परीक्षा ऑनलाइन कर देने से खर्च बहुत कम होता है। इसके बावजूद जीएसटी की अतिरिक्त वसूली करने से अभिभावकों पर लगभग 9 करोड़ रूपये की आर्थिक मार पडेगी जो सरासर गलत है।

इस प्रवेश परीक्षा में सामान्य व ओबीसी वर्ग के लिये पंजीयन शुल्क 2600 रू है, उस पर जीएसटी अतिरिक्त होने से प्रत्येक विद्यार्थी पर आर्थिक भार पडे़गा। गर्ल्स एवं एससी, एसटी व दिव्यांग श्रेणी को पंजीयन शुल्क भले की 50 प्रतिशत अर्थात 1300 रू देय होगा लेकिन उनको भी जीएसटी की छूट नहीं दी गई है। कोटा में देशभर के 50 हजार से अधिक कोचिंग विद्यार्थी प्रतिवर्ष जेईई-मेन में तथा 10 हजार से अधिक जेईई-एडवांस्ड परीक्षा देते हैं।

परीक्षा ऑनलाइन फिर शुल्क ज्यादा क्यों

एलन के अकादमिक निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने कहा किइस वर्ष जेईई-मेन व नीट के पंजीयन शुल्क में जीएसटी लागू नहीं है तो केवल जेईई-एडवांस्ड के लिये आईआईटी रूडकी द्वारा जीएसटी लागू करना न्यायोचित नहीं है। आईआईटी, एनआईटी या किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला लेने का इच्छुक विद्वार्थी प्रतिवर्ष 5 से अधिक प्रवेश परीक्षाएं देता है, जिससे आवेदन फार्म एवं परीक्षा शुल्क के नाम पर अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक भार पडता है। एमएचआरडी को विचार करना होगा कि जो परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में कर दी गई हैं, उनका परीक्षा शुल्क कैसे कम किया जाए। परीक्षाओं पर जीएसटी की वसूली तत्काल प्रभाव से बंद की जानी चाहिए।

रेजोनेंस के प्रबंध निदेशक आरके वर्मा ने कहा कि जेईई-एडवांस्ड जैसी प्रमुख प्रवेश परीक्षा में सभी वर्गों के विद्यार्थी योग्यता के आधार पर शामिल होते हैं, उनके परीक्षा शुल्क जीएसटी से पूरी तरह मुक्त हों। कोचिंग की फीस पर भी जीएसटी बंद की जानी चाहिये।

विदेशी स्टूडेंट्स का परीक्षा शुल्क आधा किया
दूसरी ओर, आईआईटी, रूडकी ने इस वर्ष सार्क देशों के विद्यार्थियों के लिये पंजीयन शुल्क 150 अमेरिकी डॉलर से घटाकर 75 डॉलर तथा गैर सार्क देशों के लिए 300 यूएस डालर से घटाकर 150 डॉलर कर दिया है। इसका मुख्य कारण यह है कि विदेशी विद्यार्थियों लिये आईआईटी में 1000 सीटें होने तथा 6 देशों में परीक्षा केंद्र होने पर भी जेईई-एडवांस्ड,2018 में मात्र 38 स्टूडेंट्स क्वालिफाई हुये थे।

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