Monday, 29 December, 2025

नवनीत ने AcSIR से हिंदी में पीएचडी करने का कीर्तिमान रचा

न्यूजवेव @नई दिल्ली
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा रहा है। देश में अब शोध क्षेत्र में भी ऐसे प्रयासों की शुरूआत की गई है। विज्ञान लेखक नवनीत कुमार गुप्ता ने राजभाषा हिंदी में विज्ञान विषय में अपना पहला शोध कार्य पूरा कर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
यह शोध कार्य वैज्ञानिक और नवीकृत अनुसंधान अकादमी (AcSIR) के तहत सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) नई दिल्ली से हिंदी भाषा में विज्ञान में पूरा किया है। लगभग 10 हजार से अधिक शोधार्थी में गुप्ता पहले ऐसे शोधार्थी हैं जिन्होंने हिंदी में पीएचडी कार्य पूरा करने का कीर्तिमान रचा है।
उन्होंने बताया कि आम तौर पर विज्ञान को जटिल मानकर इसमें अंग्रेजी में ही संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध होने से अंग्रेजी में ही शोधकार्य होते हैं। लेकिन उन्होंने हिंदी भाषा को चुनकर चुनौती को स्वीकार किया। नवनीत ने बताया कि शोध कार्य में गाईड डॉ. जी महेश, मुख्य वैज्ञानिक, AcSIR, नई दिल्ली और को-गाईड डॉ. फूलदीप कुमार, वैज्ञानिक, DRDO, दिल्ली का मार्गदर्शन मिला। गुप्ता ने अपने शोध संस्थान AcSIR-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) के प्रति आभार जताया।
पठनीयता सूचकांक रहा शोध का अहम पहलू


गुप्ता के शोध विषय ‘‘भारत में लोकप्रिय हिंदी विज्ञान पत्रिका के माध्यम से विज्ञान संचारः एक अध्ययन‘‘ था जिसके अंतर्गत उन्होंने सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान से प्रकाशित होने वाली हिंदी की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिका ‘विज्ञान प्रगति‘ की विषयवस्तु का विश्लेषण करने के साथ हिंदी भाषा में विज्ञान पाठ्य के लिए पठनीयता सूचकांक का विकास किया। पठनीयता सूचकांक का विकास होने से हिंदी भाषा में विज्ञान लेखन को बढावा मिलेगा। उन्होंने 1952 से प्रकाशित ‘विज्ञान प्रगति‘ पत्रिका पर शोध कर विज्ञान लेखन में पाठकों और लेखकों के विचारों का भी विश्लेषण कर विज्ञान संचार के क्षेत्र में अहम कार्य किया है।
पहले भी बनाए कई कीर्तिमान
डॉ. नवनीत गुप्ता विज्ञान लेखन की दुनिया में अलग पहचान रखते हैं। उन्हें सबसे कम उम्र में विज्ञान की विभिन्न विषयों पर हिंदी भाषा में लिखी पुस्तकों पर भारत सरकार के मंत्रालयों गृह मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आदि द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा नवनीत गुप्ता को विज्ञान लेखन के लिए राजभाषा विभाग के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। विदेश मंत्रालय द्वारा भोपाल में 2015 के दौरान आयोजित किए गए विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा में नवनीत के प्रयासों की सराहना की थी। उनके द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में 500 से अधिक विज्ञान संबंधी लेखों को प्रकाशन किया गया है।

अकादमिक क्षेत्र की बात करें तो विभिन्न शोध पत्रिकाओं में उनके 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान सम्मलेनों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-निस्पर) विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। CSIR-निस्पर अभिनव पहलों व सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय और आम जनता के बीच की दूरी को समाप्त करने का प्रयास करता है।

(Visited 1,984 times, 1 visits today)

Check Also

Fake AI Video Shows FM Nirmala Sitharaman Promoting Investment Scheme Promising ₹5,000 Per Hour

Press Information Bureau’s (PIB) fact-checking unit has termed the video fake and said that it …

error: Content is protected !!