न्यूजवेव @ कोटा
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट्स TEQIP (तकनीकी शिक्षा सुधार उन्नयन योजना) के तहत 18 अगस्त को गांधी विजन ऑफ टेक्नोलॉजीः नेचर एंड सिग्निफिकेन्स‘ विषय पर वेबिनार आयोजित हुई। अध्यक्षता विवि के कुलपति प्रो.आर.ए.गुप्ता ने की और गुजरात विद्यापीठ के प्रो.प्रेम आनंद मिश्रा एवं वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के प्रो.अरुण कुमार ने विशेषज्ञ व्याख्यान दिये।

कुलपति प्रो.आर.ए.गुप्ता ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा लिखित ‘My Experience with Truth‘ से पता लगता है कि उन्हें साइंस का अनुभव और उसकी ताकत का पूर्वानुमान था। वे साइंस को भविष्य में अहिंसा को आगे बढ़ाने के रूप में देखते थे। ताकि चारों ओर ‘उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुंबकम‘ की भावना विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि जिस तरह गांधी का चरखा आर्थिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संदेश देते हुए मानव के लिए उपयोगी है उसी तरह वे साइंस का मानवीय हितों में उपयोग के पक्षधर थे।
मुख्य वक्ता वीएमओयू के प्रो.अरुण कुमार ने कहा कि गांधी का जोर साइंस एवं टेक्नोलॉजी का उपयोग समझबूझ कर करने की अवधारणा पर था। उनका मानना था कि यांत्रिक मशीन का उपयोग मानव के नियंत्रण में होना चाहिए। प्रो.अरुण ने सर्वोदय, स्वराज, स्वदेशी जैसी कई धारणाओं पर प्रकाश डाला।
मुख्य वक्ता गुजरात विद्यापीठ के प्रो.प्रेम आनंद मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी चाहते थे कि पर्यावरण का ध्यान रखते हुये औद्योगीकरण इस तरह हो, जिससे हमारे कुशल कामगारों की कला उत्तरोत्तर विकसित हो। मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी का स्थानीय संसाधनों और टेक्नोलॉजी पर जोर रहा। राजस्थान में पानी संग्रहित करने की कला इसका अच्छा उदाहरण है। संचालन डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रो.अनिल माथुर ने किया। अंत में आभार टेक्यूप परियोजना के समन्वयक प्रो.दिनेश बिरला ने दिया। विवि की रजिस्ट्रार, वित्त नियंत्रक, सभी डीन व अनेक शिक्षक ऑनलाइन वेबिनार मे उपस्थित रहे।
News Wave Waves of News



