इम्तिहान: भीषण गर्मी में पेपर के बाद परीक्षार्थियों के चेेहरे खिले, हालांकि इस वर्ष कटऑफ अधिक रहने के आसार
नीट-यूजी,2018 एक नजर में-
– 476 गवर्नमेंट व प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं देश में
– 61,140 एमबीबीएस की सीटों पर मिलेगा नीट से दाखिला
– 17 प्रतिशत परीक्षार्थी बढे़ इस वर्ष
– सर्वाधिक 13,26,725 विद्यार्थी रजिस्टर्ड, गत वर्ष से 2 लाख अधिक
– 136 शहरों के 2255 परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा
– 1,65 लाख छात्राएं अधिक
– 7,76 लाख छात्राओं एवं 5,80 लाख छात्रों ने दिया पेपर
– 1 लाख परीक्षार्थियों ने पेपर दिया राज्य में 6 शहरों के परीक्षा केंद्रों पर
अरविंद
न्यूजवेव, कोेटा/जयपुर
मेडिकल की सबसे बडी प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी,2018 का पेपर भीषण गर्मी में मानसिक राहत देने वाला रहा। राज्य के 6 शहरों में परीक्षा केंद्रों पर पेपर देकर हजारों परीक्षार्थी जैसे ही बाहर निकले, उनके चेहरों पर मुस्कान देख अभिभावक खुश हो उठे। गत वर्ष की तुलना में पेपर को एवरेज माना जा रहा है।
राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर व उदयपुर के परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की भारी भीड़ रही। जयपुर में 60 हजार से परीक्षार्थी होने से यातायात भी प्रभावित हुआ।
सीबीएसई कॉर्डिनेटर प्रदीप सिंह गौड ने बताया कि कोटा के 20 परीक्षा केंद्रों पर 11,100 में से 10,974 परीक्षार्थियों पेपर दिया। इसमें 10 हजार से अधिक छात्राएं रहीं। इस वर्ष देश में छात्रों की तुलना में 1.65 लाख छात्राएं अधिक रहीं। राज्य के 6 शहरों में 1 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने नीट परीक्षा दी। ऑफलाइन पेपर की नकल रोकने के लिए सीबीएसई ने इस वर्ष विभिन्न परीक्षाकेंद्रों के लिए पेपर कोड की संख्या भी बढ़ा दी थी।
क्या कहते हैं परीक्षार्थी
पहली बार नीट का पेपर देने वाली अपर्णा और भावना यादव ने कहा कि हमें बायोलॉजी के प्रश्न आसान थे, जबकि केमिस्ट्री का लेवल एवरेज रहा। केवल फिजिक्स में कुछ प्रश्न कठिन रहे। दूसरी बार नीट का पेपर देने पहुंची जोनपुर, इलाहाबाद की छात्रा पूजा मिश्रा ने कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस बार पेपर इजी था, हमें क्वालिफाई करने का विश्वास है। आजमगढ़, उप्र के सुनील प्रताप कहते हैं, पेपर एनसीईआरटी सिलेबस के अनुसार ही था, इसलिए कोई मुश्किल नहीं हुई।
पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनासपुर से कोटा में पेपर देने पहुंची मोमिता शाह ने कहा कि उसे सलेक्शन की पूरी उम्मीद है। क्योंकि कोटा में एक वर्ष इसी स्टेंडर्ड के टेस्ट पेपर देने से कांफिडेंस बढ़ गया था। इटावा उप्र की राशिका यादव खुशी से बोली, इस साल डॉक्टर बनने का सपना सच हो जाएगा। सांचौर की वर्षा ने रैंक इम्प्रूव करने के लिए दूसरे साल पेपर दिया, इस बार उसे अच्छी रैंक मिलने का विश्वास है।
3 घंटे कड़ी धूप में अभिभावकों की अग्निपरीक्षा
रविवार को परीक्षा केंद्रों के बाहर दोपहर 12 से 1 बजे 44 डिग्री तापमान में हजारों अभिभावक पानी और छांव के लिए तरसते रहे। अपने बच्चों के लिए वे 3 घंटे सडक किनारेे बैठकर अग्निपरीक्षा देते रहे। टोंक से हरपाल व पत्नी रेखा मीणा अपनी बेटी प्रियंका को दूसरी बार नीट का पेपर दिलाने आए। कानपुर के शिक्षक डीडी वाजपेयी बेटी अंशिका को पहली बार नीट परीक्षा दिलाने आए, उन्होंने शिकायत की कि कोटा में ऑटोचालक ने परीक्षाकेंद्र तक आने-जाने के लिए 1 हजार रू लिए हैं। गुना की छात्रा सुशीला ने कहा कि एक साल कोटा में कोचिंग लेने से पेपर इजी रहा।
नीट में 80 प्रतिशत प्रश्न एनसीईआरटी से
कॅरिअर पॉइट के अकादमिक निदेशक शैलेंद्र माहेश्वरी ने पेपर विश्लेषण कर बताया कि 720 अंकों के पेपर में फिजिक्स, केमिस्टी व बायोलॉजी में 80 प्रतिशत प्रश्न एनसीईआरटी से पूछे गए। पेपर पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया गया। इस वर्ष फिजिकल केमिस्ट्री में कुछ प्रश्न कठिन रहे। बायोलॉजी में 20 प्रश्न ऐसे हैं, जिन्हें एनसीईआरटी सिलेबस से घुमाकर पूछा गया। विशेषज्ञ फैकल्टी अमित गुप्ता के अनुसार, देश में मेडिकल की विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के स्थान पर नीट को एकल प्रवेश परीक्षा बनाने की दिशा में इस वर्ष पेपर का लेवल स्टेंडर्ड रखा गया। फिजिक्स में कुछ प्रश्न ब्रेन स्टोर्मिंग वाले रहे, जिसमें परीक्षार्थियों को पसीने छूट गए। कुछ प्रश्न ऐसे भी थे, जिनका एनसीईआरटी में डिटेल नहीं है।
11वीं से 52 फीसदी व 12वीं से 48 फीसदी प्रश्न
माहेश्वरी ने बताया कि नीट-यूजी के पेपर में इस वर्ष क्लास-11वीं से तीनों सब्जेक्ट में 52 प्रतिशत प्रश्न पूछे गए, इसमें फिजिक्स से 20, केमिस्ट्री से 24 व बायोलॉजी सेे 51 प्रश्न थे। जबकि क्लास-12वीं से 48 प्रतिशत प्रश्न पूछे गए, जिसमें फिजिक्स से 25, केमिस्ट्री से 21 व बायोलॉजी सेे 39 प्रश्न पूछे गए।
पेपर में चौंकाने वाली बात यह रही कि इनॉर्गेनिक केमिस्ट्री में 5 प्रश्न एक ही चेप्टर से पूछे गए हैं, सभी प्रश्न कॉर्डिनेशन केमिस्ट्री से हैं। हालाकि सभी प्रश्न इजी थे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कटऑफ गत वर्ष से मामूली अधिक रह सकती है।
विशेषज्ञ फैकल्टी अमित गुप्ता के अनुसार, देश में मेडिकल की विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के स्थान पर नीट को एकल प्रवेश परीक्षा बनाने की दिशा में इस वर्ष पेपर का लेवल स्टेंडर्ड रखा गया। फिजिक्स में कुछ प्रश्न ब्रेन स्टोर्मिंग वाले रहे, जिसमें परीक्षार्थियों को पसीने छूट गए। कुछ प्रश्न ऐसे भी थे, जिनका एनसीईआरटी में डिटेल नहीं है।
गत वर्ष सेे अच्छा रहा पेपर का लेवल
सर्वोत्तम कॅरिअर इंस्टीट्यूट की अनुभवी निदेशक टीम ने पेपर एनालिसिस के बाद बताया कि नीट-2018 के पेपर का लेवल गत वर्ष से अच्छा रहा। पेपर में क्लास-11 से 89 एवं क्लास-12 से 91 प्रश्न पूछे गए। इस वर्ष भी अधिकांश प्रश्न एनसीईआरटी के सिलेबस से पूछे गए हैं फिजिक्स में 19 सरल, 26 माडरेट एवं कठिन लेपल के प्रश्न पूछे गए। केमिस्ट्री में 22 सरल प्रश्न थे, जबकि 23 मॉडरेट एवं कठिन लेवल के थे। बायोलॉजी में अधिकतर प्रश्न सरल रहे, कुछ प्रश्न मध्यम व कठिन लेवल के रहे। ओवरआल फिजिक्स का पेपर लम्बा था जबकि अकार्बनिक केमिस्ट्री का लेवल आसान रहा।
फिजिक्स:
क्लास-11 सिलेबस से 9 प्रश्न सरल व 12 मध्यम व कठिन
क्लास-12 में 10 प्रश्न सरल थे, जबकि 14 मध्यम व कठिन रहे।
( एक्सपर्ट – जीएस तिवारी, एवं मयंक जोशी, )
केमिस्ट्री:
क्लास-11 सिलेबस से 15 प्रश्न सरल व 8 मध्यम व कठिन
क्लास-12 में 7 प्रश्न सरल थे, जबकि 15 मध्यम व कठिन रहे।
( एक्सपर्ट – ललित विजय, जितेंद्र चांदवानी एवं आशीष बंसल )
बायोलॉजी:
क्लास-11 सिलेबस से 45 प्रश्न पूछे गए
क्लास-12 से भी 45 प्रश्न पूछे गए।
(एक्सपर्ट – आशीष वाजपेयी एवं आशीष माहेश्वरी)