Wednesday, 4 December, 2024

कुंभ मेले में 15 करोड़ श्रद्धालुओं को मिलेगी गूगल मेप सुविधा

15 जनवरी को शाही स्नान के साथ अर्द्धकुंभ की शुरुआत, 45 दिन तक चलेगा मेला
न्यूजवेव@ प्रयागराज
प्रयागराज में होने वाले एतिहासिक कुंभ मेले-2019 के लिए सरकार द्वारा चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इस वर्ष गूगल मेप पर कुंभ मेले की सारी जानकारी दी जाएगी। यह सुविधा मिलने से यहां जुटने वाली लाखों श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
याद दिला दें कि इससे पूर्व महाकुंभ आयोजन में गूगल मेप की सुविधा लांच नहीं हुई थी। इस बार यह सुविधा मिलने से श्रद्धालुओं के इधर-उधर कहीं गुम हो जाने या एक-दूसरे से बिछुड जाने का भय नहीं रहेगा।

Google map

गूगल मेप पर प्रत्येक श्रद्धालु अपनी हर लोकेशन को ट्रैक कर सकेंगे और अपने सगे-संबंधियों या परिचितों की तलाश भी कर सकेंगे। इसके लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है जिस पर कुंभ से जुड़ी हर जानकारी लाइव रहेगी।
मेला क्षेत्र की मेपिंग के लिए भारत की सर्वेक्षण (एसओआइ) टीम ने मंगलवार को ड्रोन कैमरे से इस पूरे क्षेत्र का सर्वे किया। इस बार प्रयागराज में लगभग 3500 हेक्टेयर में मेला परिसर रहेगा। जिसमें विशाल व आधुनिक टेंट सिटी बसाया गया है। यही नहीं इस बार कुल 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीदें जताई जा रही हैं जो करीब 60 देशों की आबादी के बराबर जनसंख्या होगी।
गूगल मेप के जरिए श्रद्धालुओं को ये सुविधा मिलेगी कि वे अगर मेले के अंदर किसी अस्पताल, किसी शिविर, किसी टेंट तक पहुंचना चाहेंगे तो वे गूगलमैप के जरिए पहुंच सकते हैं। मेप उन्हें पूरा गाइड करेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, थ्रीडी मेप के लॉन्चिंग की तैयारी की जा रही है। जिससे गूगल मेपिंग मैनेजमेंट टीम को भी मदद मिलेगी। इसकी सहायता से भीड या भगदड़ होने पर कुशल आपदा प्रबंधन का घेरा मजबूत रहेगी।

शाही स्नान से अर्ध कुंभ मेले की शुरुआत
प्रयागराज में पहले शाही स्नान के साथ ही अर्ध कुंभ मेले की शुरुआत हो गई है. मंगलवार को मेले में सबसे पहले साधु-संतों का शाही जुलूस निकाला गया । उसके बाद शाही स्नान की परंपरा शुरू हो गई है। विभिन्न अखाड़ों को स्नान के लिए अलग-अलग वक्त दिया गया है। इसमें अगले 45 दिनों तक देश-विदेश के 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु जुटेंगे।
मान्यता है कि पहला ‘शाही स्नान‘ स्वर्ग का दरवाजा खोलता है, जिसकी शुरुआत 15 जनवरी को मंगलवार को सुबह 5.30 बजे हुई। श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी के किनारे 3,200 एकड़ क्षेत्र में छोटा शहर बसाया गया है। यहां टेंट का किराया 2,100 रुपये से लेकर 20,000 रुपये प्रति रात तक है। इसके अलावा बड़ी संख्या में यहां पहुंचने वाले अखाड़ों और संतों के लिए डोर्मेटरी और टेंट स्टॉल लगाए गए हैं। मेला अधिकारियों के अनुसार, कुंभ प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

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