चिकित्सकों ने विशाल रैली निकालकर जताया कडा विरोध, राज्य सरकार जबरन थोप रही बिल
न्यूजवेव@कोटा
राइट टू हैल्थ बिल का कडा विरोध करते हुये कोटा के निजी चिकित्सकों ने एकजुट होकर शहर में विशाल वाहन रैली निकाली। पत्रकारों से बातचीत मंे चिकित्सकों ने कहा कि यह बिल पूरी तरह चिकित्सक विरोधी है, राज्य सरकार जनता को स्वप्न बाग दिखाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। इस बिल में कई बिन्दु अव्यवहारिक हैं। चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि इस बिल को राजस्थान में लागू किया गया तो इसके दुष्परिणाम ही सामने आयेंगें।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक शारदा, डॉ. संजय जायसवाल, डॉ. केवल डंग, डॉ. अखिल अग्रवाल, डॉ. अमित व्यास, डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. राहुल अरोडा, डॉ. मोहन मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य का अधिकार संविधान के आर्टिकल 21 के जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग है। सरकारी अस्पताल में इलाज निशुल्क होते हुए भी किसी रोगी का निजी अस्पताल में जाना सरकार की कमी का स्पष्ट प्रमाण है।
निजी चिकित्सकों पर वार कर रही सरकार
राज्य सरकार यदि जनता की स्वास्थ्य संबंधी अपेक्षायें पूरा कर पाती तो निजी क्षेत्र की आवश्यकता ही क्यों होती। सरकार के सभी बडे़ मंत्री और उच्चाधिकारी अपनी स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए निजी क्षेत्र में क्यों जाते हैं। सरकारी भ्रष्टाचार और उचित बजट नहीं मिलने पर अव्यावहारिक दरों के कारण कई अच्छे निजी चिकित्सालयों ने इनमें रुचि नहीं ली। सरकार और ब्यूरोक्रेसी इस आरटीएच बिल से सभी निजी चिकित्सालयों का शोषण करने पर आमादा है।
निजी अस्पताल प्रदेश से पलयान करेंगे
चिकित्सकों ने कहा कि आम नागरिकों को यह समझना होगा कि विश्वस्तरीय चिकित्सा मुफ्त या सरकारी पेकेज में नहीं मिल सकती। इस बिल के दबाव में निजी चिकित्सालयों या तो बंद हो जाएंगे और सरकारी सिस्टम से त्रस्त लोगों के पास कोई बेहतर राह नहीं बचेगी। महामारी के दौर में इस जनविरोधी और दमनकारी कानून को थोपना सरासर जनहित में नहीं है। आईएमए व उपचार समेत सभी चिकित्सक संगठनों ने राज्य सरकार से इस बिल को वापस लेने का आग्रह किया है। चिकित्सकों ने यह सामूहिक निर्णय लिया है कि कोटा से चिकित्सकों का एक प्रतिनिधिमंडल 20 मार्च को प्रदेश स्तरीय आंदोलन में भाग लेने के लिए जयपुर जायेगा जहां आगे की रूपरेखा तय की जाएगी। स्थानीय स्तर पर आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस अवसर पर डॉ. एस सान्याल, डॉ राहुल देव अरोडा सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित रहे।