न्यूजवेव@कोटा
प्रदेश में राइट टू हैल्थ बिल का विरोध कर रहे निजी चिकित्सकों के दल ने शुक्रवार को जयपुर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से वार्ता की। आरटीएच बिल के संबंध में उन्होंने चिकित्सकों के बिंदुओं को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस संबंध में जल्द ही उच्चस्तरीय 4 आईएएस अधिकारियों की एक कमेटी बनाई जायेगी जो चिकित्सकों के दल से विस्तृत बातचीत करेगी, जिससे प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का समाधन हो सके।
दूसरी ओर, आरटीएच वापसी की मांग पर आईएमए राजस्थान के एक दल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर उन्हें बिल वापसी के लिये ज्ञापन सौंपा। इस संबंध में जेएमए हॉल जयपुर में डॉ नीलम खंडेलवाल ने तीसरे दिन अपना अनशन जारी रखा। क्रमिक अनशन के तहत डॉ.विपिन जैन व डॉ.भरत राज शर्मा ने अनशन किया। बडी संख्या में चिकित्सक भी मौजूद रहे।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने दिया समर्थन
शुक्रवार को प्रदेश के 125 चिकित्सकों के दल ने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज तथा जेएनयू मेडिकल कॉलेज पहुंचकर अस्पताल प्रशासन व चिकित्सकों के साथ बैठक की। बैठक में जेएनयू मेडिकल कॉलेज में ओपीडी बंद रखने का निर्णय हुआ। सिर्फ इमरजेंसी व आईसीयू सेवाएं चालू रखी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान बंद होने पर हम संपूर्ण जेएनयू चिकित्सक भी अपनी सेवायें बंद कर देंगे। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, जयपुर के प्रशासन व चिकित्सकों को डॉ.विजय पाल यादव ने बिल की एक कॉपी प्रदान की। प्रशासन ने बिल पढ़कर शनिवार को अगला निर्णय करने का आश्वासन दिया।
आरटीएच की पोल-खोल मशाल यात्रा
आईएमए राजस्थान के प्रभारी ने बताया कि प्रदेश में लगभग 250 चिकित्सकों का एक दल आरटीएच बिल के विरोध में पोल-खोल मशाल यात्रा के लिए जिला स्तर पर रवाना हो गया है। शुक्रवार को यह दल चोमू, रींगस, पलसाना से होकर सीकर पहुंच जाएगा। यह दल जन जागरूकता अभियान चलाते हुए पूरे राजस्थान की परिक्रमा रिले दौड़ के रूप में पूरी करेगा।
सरकारी योजनाओं का बहिष्कार
शुक्रवार को सम्पूर्ण राजस्थान में आरजीएचएस तथा चिरंजीवी सरकारी योजनाओं का बहिष्कार जारी रहा। तमाम सरकारी दबाव के बावजूद राजस्थान के सभी रेजिडेंट चिकित्सक आरटीएच के विरोध में आज हडताल पर रहे। याद दिला दें कि राजस्थान में राजनीतिक लाभ के लिये आरटीएच लागू करने पर टीवी चैनल पर निरंतर चर्चायें जारी हैं। शुक्रवार को सीएनबीसी चैनल पर आरटीएच पर हुई डिबेट में डॉ. राजशेखर यादव ने सशक्त तरीके से अपना पक्ष रखा। डॉ. रामदेव चौधरी ने अल जजीरा चैनल पर चिकित्सकों के पक्ष को रखा।