कोटा हॉस्टल संयुक्त संघर्ष समिति ने केंद्रीय वित मंत्री से लोन पर मोरिटोरियम अवधि बढ़ाने की मांग की। 1 सितंबर से मोरिटोरियम अवधि खत्म होगी
न्यूजवेव @ कोटा
कोटा हॉस्टल संयुक्त संघर्ष समिति ने शुक्रवार को जिला कलक्टर उज्जवल राठौड़ को ज्ञापन देकर केंद्रीय वित्तमंत्री से मांग की कि आर्थिक संकट से जूझ रहे कोटा के लगभग 3 हजार हॉस्टलों को बैंक के लोन चुकाने के लिये मोरिटोरियम की अवधि आगे बढाई जाये तथा इस अवधि के दौरान ब्याज में छूट दी जाये। कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल, महासचिव पंकज जैन, चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष शुभम अग्रवाल एवं कोरल पार्क हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल की अगुवाई में हॉस्टल संचालकों ने जिला कलक्ट्रेट के बाहर सांकेतिक धरना दिया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि कोटा में लगभग 3000 हॉस्टल एवं लगभग 25000 पीजी रूम हैं। इनके बहुमंजिला निर्माण पर बीते 10 वर्षों में करीब 12 हजार करोड़ का निवेश हुआ है। इतना ही निवेश पेइंगगेस्ट मकानों में भी किया गया। कुल मिलाकर शहर के चारों ओर निर्मित मल्टीस्टोरी हॉस्टलों पर बैंकों का लगभग 9000 करोड़ रूपये से ज्यादा का कर्ज है।
चूंकि कोरोना महामारी के कारण मार्च माह से सरकार ने कोचिंग संस्थान चालू करने की अनुमति नहीं दी है। जिससे कोटा में कोचिंग, हॉस्टल, मैस व इससे जुडे़ सभी व्यापार पर गहरा आर्थिक संकट छाया हुआ है। कोचिंग विद्यार्थियों के बिना ऑटोरिक्शा, वैन, साइकिल, स्टेशनरी, सब्जी, किराना, मोबाइल शॉप, रेस्तरां आदि कई व्यवसाय प्रत्यक्ष रूप से जुड़े होने से बडी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं।
उन्होंने आग्रह किया कि 1 सितम्बर से बैंक लोन पर मोरिटोरियम अवधि समाप्त हो रही है, ऐसे में जिला कलक्टर सभी बैंकिंग, एनबीएफसी अधिकारियों व हॉस्टल एसोसिएशन प्रतिनिधियों की बैठक आहूत कर शहर के हर वर्ग की इस पीडा को दूर करने के लिये आवश्यक दिशानिर्देश प्रदान करें। इस दौरान बड़ी संख्या में कोटा शहर के हॉस्टल संचालक मौजूद रहे।