Wednesday, 11 December, 2024

दिवालिया होने पर भागना संभव नहीं, लेनदारों को लौटानी होगी राशि

सीए वर्कशॉप : दो दिवसीय वर्कशॉप में दिल्ली के इंसोल्वेंसी विशेषज्ञों ने दी अहम जानकारी

न्यूजवेव कोटा

कोटा सीए ब्रांच द्वारा इंसोल्वेंसी एक्ट पर दो दिवसीय वर्कशॉप में पहले दिन दिल्ली के इंसोल्वेंसी प्रोफेशनल सीए मनीष कुमार गुप्ता ने कहा कि ऐसे व्यापारी जो बैंकों व विभिन्न संस्थाओं या फर्मों या व्यापारियों से पैसे लेकर भाग जाते हैं, उन पर शिकंजा कसने के लिए इंसॉल्वेंसी एक्ट, 2016 को प्रभावी किया गया है।
उनका इस तरह से भागना अब संभव नहीं होगा। कोई भी कंपनी यदि अपने संपत्तियों को अपने क्रेडिटर्स को धोखा देने की नीयत से खुर्द-बुर्द करती है, तो अब वह ऐसा नहीं कर पाएगी। नए एक्ट में इस तरह के लेन-देन कानूनी रूप से अप्रभावी माने जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल कंपनियों की वित्तीय स्थिति के खराब होने की स्थिति में या उस कंपनी के क्रेडिटर्स को भुगतान नहीं करने की स्थिति में नियुक्त किए जाते हैं। वे उस दिवालिया कंपनी का संपूर्ण प्रबंधकीय व वित्तीय नियंत्रण अपने हाथों में ले लेता है, और कंपनी के वित्तीय व अन्य लेनदारों का भुगतान कंपनी को चालू रखते हुए उसकी संपत्तियों से करवाता है। इसमें उसे कंपनी के प्रबंधन की समस्त शक्तियां प्राप्त हो जाती है।

उन्होंने बताया कि पहले कंपनी को लोन देने वाले या उधार माल देने वालों को अथवा सेवाएं देने वालों को अपने पैसे वसूलने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। उसके बावजूद धनराशि वसूल नहीं हो पाती थी। किंतु अब इस कानून के बाद समयबद्ध और प्रभावी तरीके से उस राशि का वसूल करना संभव हो गया है।

दूसरे सत्र में दिल्ली के इंसॉल्वेंसी विशेषज्ञ सीए अतुल कंसल ने बताया कि यदि कंपनी को चालू रखते हुए कंपनी के क्रेडिटर्स या लोन प्रदाताओं को पैसा नहीं चुकाया जाता हैं तो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल उस कंपनी को बंद करने की कार्यवाही की अनुमति देता है। इसमें इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है जो कंपनी की संपत्तियों का निस्तारण कर क्रेडिटर्स को पैसे का भुगतान करवाए और उस कंपनी को बंद करने के लिए एनसीएलटी को अनुशंसा करे।

फिलहाल यह अधिनियम सिर्फ कंपनी व लिमिटेड उत्तरादायित्व वाली पार्टनरशिप फर्म पर लागू किया गया है। भविष्य में व्यक्तिगत फर्म भी इसमें शामिल की जाएंगी। आज कोई भी लेनदार सिर्फ 2000 रूपए फीस देकर याचिका दाखिल कर सकता है।

सीए बन सकते हैं इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल
कोटा ब्रांच चेयरमैन सीए कुमार विकास जैन ने बताया कि पहले दिन 2 सत्र हुए जिसमें दिल्ली के इंसोल्वेंसी विशेषज्ञों ने एक्ट की महत्वपूर्ण जानकारियां दी। देश में इंसॉल्वेंसी एक्ट 2016 से लागू किया गया है। इसमें कोई भी सीए, सीएस, सीडब्ल्यूए जो 10 वर्ष से अधिक समय से सदस्य हैं, वे इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीओआई) की परीक्षा पास कर इंसॉल्वेंसी प्रोफेशनल की डिग्री ले सकते हैं।

सीपीई चेयरमैन सीए आशीष व्यास ने बताया कि आज हर शहर में ऐसी कंपनियों की संख्या बढती जा रही है जो दिवालिया होने के बाद क्रेडिटर्स को पैसा नहीं चुका पाती है। ब्रांच के उपाध्यक्ष सीए पंकज दाधीच व कोषाध्यक्ष सीए योगेश चांडक ने बताया कि वर्कशॉप में कोटा ब्रांच के सभी वरिष्ठ और महिला सीए ने भी भाग लिया। संचालन ब्रांच सचिव सीए नीतू खंडेलवाल ने किया।

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