Wednesday, 16 October, 2024

कोरोना के हल्के लक्षण होने पर स्टीरायड दवाइयां नहीं लें

कोरोना उपचार के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए संशोधित दिशा-निर्देश
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के नये मामले अब तेजी से कम हो रहे हैं। मई में जहाँ रोजाना 4 लाख से अधिक नये केस सामने आ रहे थे, वहीं यह संख्या अब घटकर एक लाख तक रह गई है। ऐसे में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत एंटी-पाइरेटिक और एंटी-ट्यूसिव को छोड़कर अन्य् सभी दवाओं के सेवन से संबंधित दिशानिर्देश दिये गये हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार बिना लक्षण व हल्के लक्षण वाले मरीजों को इलाज के लिए डॉक्टरों द्वारा दी जाने वाली हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सी साइक्लिन, जिंक, मल्टी-विटामिन जैसी दवाओं को बंद कर दिया है। ऐसे मरीजों को बुखार के लिए एंटी-पायरेटिक और सर्दी जुकाम के लक्षण वाले मरीजों को एंटी-ट्यूसिव दवा ही दी जाएगी।
जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, उन्हें कोई दवा नही बताई गई है, बशर्ते वे किसी अन्य बीमारी से ग्रसित न हों। हल्के लक्षण वाले मरीजों को खुद बुखार, सांस में तकलीफ और ऑक्सीजन लेवल पर निगरानी रखने के लिये कहा गया है।
अनावश्यक सिटी स्केन जैसी जांच नहीं करायें


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों को मरीजों के गैर जरूरी टेस्ट बंद करने निर्देश दिये हैं, जिसमें सीटी स्केन भी शामिल है। कोरोना मरीजों और परिजनों को एक-दूसरे से फोन या वीडियो-कॉल के जरिये पॉजिटिव बातें करने और एक-दूसरे से जुड़े रहने का सुझाव दिया गया है।
पौष्टिक आहार पर ध्यान दें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन्स में पौष्टिक आहार पर अधिक जोर दिया है, ताकि इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सके, और कम से कम दवाओं से मरीज ठीक हो सकें। साथ ही, कहा गया कि मधुमेह रोगी को आहार चार्ट के अनुसार संतुलित आहार शुरू करना चाहिए।
वैक्सीन के लिये टास्क फोर्स होगी
मंत्रालय ने निर्देश दिये कि वैक्सीनेशन के लिए ऐसे केंद्र चुनें जिसमें व्हील-चेयर, बैठने की व्यवस्था, पीने के पानी और शौचालय की सुविधा सहित बुजुर्गों और अलग-अलग विकलांग नागरिकों के प्रवेश और निकास की सुविधा हो। वैक्सीनेशन की प्लानिंग की जिम्मेदारी टास्क फोर्स की होगी। जिसमें वैक्सीन के लिये कम से कम 20-30 और अधिकतम 100-120 लाभार्थियों के लिए एक टीम बनायी जाएगी। यदि एक दिन में 100-120 से अधिक लाभार्थियों को एक साइट पर टीका लगाया जाना है, तो दूसरी टीकाकरण टीम को तैनात किया जा सकता है। (इंडिया साइंस वायर)

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