केंद्रीय उर्जा मंत्रालय की मुहिम, घरेलू व व्यावसायिक दोनों के लिये लगेंगे स्मार्ट मीटर
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
केंद्रीय उर्जा मंत्रालय देश में घरेलू व व्यावसायिक बिजली वितरण के लिये अगले तीन वर्षों में 30 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने पर विचार कर रहा है। मंत्रालय ने इस संबंध में स्मार्ट मीटर की आपूर्ति करने वाली कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, स्मार्ट मीटर की लागत लगभग 2000 रूपये हो सकती है। केंद्र सरकार उपभोक्ताओं पर आंशिक लागत कम करने के लिये सब्सिडी देगी। याद दिला दें कि वर्ष 2017 में 50 लाख स्मार्ट मीटर की खरीद की निविदा में एक मीटर की लागत 2503 रूपये आई थीे। उर्जा मत्रालय देश के वितरण तंत्र को घाटे से उबारने तथा बिजली चोरी रोकने के लिये स्मार्ट मीटर को गेम चेंजर के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है। मंत्रालय का मानना है कि कुल राजस्व का 5वां हिस्सा बिजली चोरी, अक्षम बिलिंग व राशि संग्रहण में व्यर्थ चला जाता है। जिससे राज्यों में डिस्कॉम निरंतर घाटे में डूब रहे हैं।
हांलाकि स्मार्ट मीटर का प्रोजेक्ट मॉडल देश के जिन शहरों में लागू किया गया, वहां से मीटर द्वारा अधिक खपत की रीडिंग दर्शाने जैसी शिकायतें सामने आ रही है। निम्न व मध्यमर्गीय परिवारों के बिजली के बिल बढ़ जाने से स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
प्रधानमंत्री वर्ष 2022 तक देश के प्रत्येक गांव तक हर घर बिजली पहुंचाने के प्रति संकल्पित होकर कार्य कर रहेे हैं। ऐसे में स्मार्ट मीटर के माध्यम से डिस्कॉम को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जाएगा। बिजली चोरी रोकने के लिये इंसुलेटेड तारों का उपयोग भी बढाया जाएगा।
तीन वर्षो में 30 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने की योजना
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