आईएमए कोटा का प्रतिनिधिमंडल जिला कलक्टर से मिला
न्यूजवेव @ कोटा
आईएमए ने स्पष्ट किया कि पहले निजी चिकित्सालय को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में जोड़ने से निजी अस्पतालों से सहमति पत्र लिए जाए ताकि निजी अस्पताल सुचारू उपचार कर सकें। इस बारे में आईएमए कोटा का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के नेतृत्व में जिला कलेक्टर से मिला। उन्होंने कहा कि संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजस्थान स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी के अनुसार निजी अस्पतालों में कोविड-19 का निशुल्क उपचार किया जाएगा।
निजी चिकित्सालयों का भुगतान समय पर हो
डॉ. जायसवाल ने कहा कि जो प्राइवेट हॉस्पिटल इस योजना में सम्बद्ध हैं उनको समय पर भुगतान करने की जिम्मेदारी स्वयं राज्य सरकार ले न कि इंश्योरेंस कंपनी। क्योंकि पहले भी ऐसी योजनाओं में प्राइवेट हॉस्पिटल को आज तक भुगतान नहीं किया गया। आईएमए सचिव डॉ. अमित व्यास का कहना है कि जिलेवार रनिंग फंड की समुचित व्यवस्था की जाए ताकि उस फंड से चिकित्सालय को समय पर भुगतान प्राप्त हो सके।
लाखों रूपये का भुगतान अभी बकाया
राजस्थान आईएमए के अध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा ने कहा कि पूर्व में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना एवं एमजीआरएसबीवाई में कई निजी अस्पतालों ने कार्य किया था, लेकिन कई तकनीकी कारणों से जैसे फिंगर प्रिंट्स, फोटो का न मिलना, सरवर का डाउन होना या कागजों की पूर्ति नहीं होने के कारण बताकर अस्पतालों के काफी केसों को बीमा कंपनी द्वारा निरस्त कर दिया गया तथा अस्पतालों के द्वारा अपील करने एवं अपील स्वीकृत होने के बाद भी बीमा कंपनी द्वारा लाखों रुपए का भुगतान आज तक स्वीकृत नहीं किया है। इन्हीं कारणों के चलते ज्यादातर निजी अस्पतालों द्वारा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में रूचि नहीं दिखाई गई। आईएमए ने आश्वस्त किया कि कोटा जिले के समस्त निजी अस्पताल एवं चिकित्सालय कोविड-19 के लड़ने के लिए पूर्णरूप से जिला प्रशासन के साथ हैं। इस अवसर पर डॉ. यश भार्गव, डॉ. कमलेश अग्रवाल, डॉ. पलकेश अग्रवाल, डॉ. संजय गुप्ता व डॉ. आरके गोयल सहित कई चिकित्सक उपस्थित रहे।