महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा आत्महत्या प्रकरण में त्वरित कार्रवाई
न्यूजवेव @ जयपुर
दौसा जिले के लालसोट में महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा द्वारा सुसाइड कर लेने के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुये दौसा के पुलिस अधीक्षक को वहां से हटाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही, लालसोट में महिला डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज करने वाले एसएचओ को निलम्बित करने तथा सीआई को एपीओ करने के निर्देश दिये हैं। संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव पूरे मामले की प्रशासनिक जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौपेंगे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार शाम निवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में उक्त निर्देश दिये। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस घटना में महिला चिकित्सक को आत्महत्या जैसे कदम के लिये मजबूर करने वाले दोषियों पर मुकदमा दर्ज कर कडी कार्रवाई की जाये।
गौरतलब है कि उक्त मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजस्थान के चिकित्सकों के दल ने दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर ज्ञापन सौंपा था। समूचे राजस्थान में चिकित्सकों ने बुधवार को ओपीडी सेवाएं बंद कर मृतक महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा के प्रति संवेदना जताई थी। साथ ही, मुख्यमंत्री से मांग की थी कि 24 घंटे में दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाये, अन्यथा देशभर के चिकित्सक अपनी सेवाओं को बंद रखेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने एवं आवश्यक सुझाव देने के लिये अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिये हैं। इस कमेटी में शासन सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग, शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा,पुलिस एवं विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं चिकित्सक शामिल किये जायेंगे। यह उच्च स्तरीय कमेटी सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर एक गाइडलाइन प्रस्तुत करेगी, जिसे प्रदेशभर में लागू किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने महिला चिकित्सक डॉ अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या कर लेने पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि समाज में चिकित्सक ईश्वर के समान होते हैं। वे रोगियों की जान बचाने के लिये हरसंभव प्रयास करते हैं। इसके बावजूद, कई बार अप्रिय घटना होने पर डॉक्टर को अनावश्यक रूप् से दोषी ठहराना न्यायोचित नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो चिकित्सक समर्पण के साथ अपना सामाजिक दायित्व कैसे निभा पायेंगे।
गहलोत ने याद दिलाया कि कोविड महामारी के दौरान प्रदेश के चिकित्सकों एवं नर्सिंग कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करवाई थी। ऐसे समर्पित चिकित्सकों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। बैठक मं चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, पुलिस आईजी एमएल लाठर, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पुलिस के मुताबिक मंगलवार को डॉ अर्चना शर्मा और उनके पति द्वारा संचालित अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत हो गई। गर्भवती महिला के परिवार के सदस्यों द्वारा अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने और दोषी डॉक्टर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करने के बाद लालसोट पुलिस स्टेशन में अर्चना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद प्राथमिकी से तनाव में आई अर्चना ने फांसी लगा ली थी।