Thursday, 28 March, 2024

इंजीनियरिंग छात्रों ने विकसित की ‘पोर्टेबल ईसीजी’

पोर्टेबल ईसीजी से घर बैठे पता लगेगी ‘दिल की धडकन’
न्यूजवेव@कोटा

मेकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के पांच छात्रों ने ऐसी पोर्टेबल ईसीजी मशीन विकसित की है, जिससे कहीं भी बैठा रोगी किसी भी समय अपने दिल की धडकन को स्वयं देख सकेगा एवं विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श ले सकेगा। इस उपकरण से रोगियों को वर्तमान में ईसीजी जांच में लगने वाले समय तथा आर्थिक भार से छुटकारा मिल सकेगा। रोगी को ईसीजी रिपोर्ट तत्काल मिल सकेगी। इससे ह्दय रोगियों को बहुत फायदा होगा।
ज्ञान मंजरी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भावनगर में मैकेनिकल ब्रांच के छात्रों किरन अचारी, अन्नु नायर, रागिल नायर, धर्मदीप पांड्या और नंदिश त्रिवेदी ने पीआरओएफ के मार्गदर्शन में डिवाइस तैयार करने में कड़ी मेहनत की। क्रुनाल बी खिरिया और प्रो.जय वी. भट्ट के मार्गदर्शन में लगभग 2 वर्षों तक अनुसंधान करते हुये सस्ती व पोर्टेबल ईसीजी यूनिट को सफलतापूर्वक विकसित कर लिया।़़़
टीम सदस्य इस मशीन को अधिक उपयोगी बनाने तथा इसकी लागत को न्यूनतम रखना चाहते हैं ताकि आम आदमी भी इसे खरीद सके। रोगी अपनी उंगलियों पर दिल की धडकनों की परख कर सही समय पर उचित निदान कर सकता है। इसे ब्लूटूथ सुविधा से जोड़ देने से एक व्यक्ति अपने डिजिटल उपकरण में अपना ई-परिणाम प्राप्त कर सकता है।
इस पोर्टेबल ईसीजी यूनिट की भावनगर मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ.चिन्मय शाह द्वारा रोगियों पर जांच की गई तथा इसे सफल एवं उपयोगी बताया गया। ज्ञान मंजरी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल डॉ.एच.एम निंबार्क ने कहा कि इंजीनियरिंग छात्रों द्वारा तैयार यह पोर्टेबल ईसीजी मेडिकल साइंस एवं समाज के हर वर्ग के लिए फायदेमंद होगी। जल्द ही इस पोर्टेबल ईसीजी तकनीक की डिवाइस को जनता के लिये लांच कर दिया जायेगा।

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