न्यूजवेव @ त्र्यम्बकेश्वर/नासिक,5 जनवरी।
महाराष्ट्र में त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग पर आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के प्रथम सोपान में गुरुवार को आचार्य श्री कैलाशचंद जी तेहरिया ने कहा कि मानव जीवन मे सत्संग का बड़ा महत्व है। सत्संग साधना से घर में समस्त क्लेशों का नाश होता है और सुख- समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं। ज्ञान, भक्ति और वैराग्य प्राप्ति के लिए ऐसे भागवत अनुष्ठान ठाकुरजी से जोड़ देते हैं।
भागवत कथा आयोजन समिति कोटा द्वारा तीर्थनगरी में आयोजित कथा में आचार्य तेहरिया ने कहा कि भागवत के प्रथम देव श्रीकृष्ण हैं। इसलिए हम रोज सोने से पहले कुछ देर गोविंद का ध्यान अवश्य करें। जिन्होंने कथा सुनते हुए बांके बिहारी को अपने ह्र्दय में बिठा लिया है, उनका कोई बाल बांका नही कर सकता है। भक्त के ह्रदय में जब ठाकुरजी निवास करते हैं तो भक्ति के चिन्ह प्रकट होंगे। भावविभोर होकर आप संकीर्तन, नृत्य, जयघोष करने लगते हैं। श्रीकृष्ण कहते हैं, जहां मेरे भक्त भाव से गुणगान करते हैं, मैं उनके साथ बैठा हुआ मिलूंगा।
एक प्रसंग सुनाते हुए आचार्य तेहरिया ने कहा कि भागवत स्मरण करने मात्र से सभी भय-बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। जो भगवान का ध्यान करते हैं, भगवान उनका ध्यान रखते हैं। भक्तों की पीड़ा हरने वाले हरि का स्मरण नियमित करते रहें।
तीर्थनगरी पर चल रही इस श्रीमद भागवत कथा का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर गुरु दर्शन चैनल पर देख व सुन सकते हैं। गुरुवार को भव्य कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ हुआ।
6 ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा-
कथा के आयोजकगण श्री नरेंद्र भारद्वाज, त्रिभुवन कश्यप, शिवानन्द गौतम, मोहन लाल सोनी,रमेश गुप्ता, श्रीमती संतोष तेहरिया, शान्तिलाल नामा ने बताया कि कोटा सहित मध्यप्रदेश व राजस्थान के विभिन्न शहरों से 230 श्रद्धालु 14 दिवसीय ज्योतिर्लिंग यात्रा पर रवाना हुए हैं। इस यात्रा में 6 ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर, त्र्यंबकेश्वर,भीमाशंकर, पर्ल वैद्यनाथ, घुश्मेश्वर, महाकालेश्वर के दर्शन व जलाभिषेक लाभ प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि त्रयम्बकेश्वर में संगीतमय श्रीमद भागवत कथा
4 से 10 जनवरी तक दोपहर 12 से 4 बजे तक जारी रहेगी।