न्यूजवेव@कोटा
देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इस चुनौतीपूर्ण समय में सावधानी रखने के साथ ही अपने एवम् परिजनों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना सबसे बड़ी जरूरत है।
डिजिटल आई स्ट्रेन एवं मायोपिया
कोरोना काल खंड में दिन में 10 से 12 घंटे का समय स्मार्टफोन एवं डिजिटल डिवाई सेज का उपयोग होने के कारण “स्क्रीन टाईम” में वृद्धि हो रही है जिसके कारण “डिजिटल आई स्ट्रेन” के मामले अप्रत्याशित रुप से बढ़ें हैं।
बच्चों में स्क्रीन टाईम बढने एवं लंबे समय तक पास का काम करने से मायोपिया नामक दृष्टि दोष के मामले भी तेज़ी से बढ़ रहें हैं।
डिजिटल आई स्ट्रेन का समाधान
यदि आप डॉ घंटे से अधिक समय तक स्मार्ट फोन या डिजीटल डिवाईसेज का उपयोग करतें हैं तो 20:20:20 नियम का पालन करें। बीस मिनट के बाद बीस सैकंड का ब्रेक लेवें एवं बीस फीट दूर देखें, बीस कदम चलें। लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का नियमित उपयोग करें।
टॉक्सिक/केमिकल कंजेक्टिवाइटिस
सेनिटाइजर का उपयोग करने के बाद हाथों से आंखों को नहीं छुवें। बच्चों को सेनिटाइजर मशीन उपयोग करते समय सावधानी रखें अन्यथा सेनिटाइजर स्प्रे/एरोसोल्स आंखों में जा सकता है। यदि सेनिटाइजर आंखों में यदि दुर्घटना पूर्वक जाता है तो तुरंत पानी से आंखों को धोवें एवं नजदीकी नेत्र सर्जन से परामर्श लेवें।
मास्क एसोसिएटेड ड्राई आई
मास्क का उपयोग अवश्य करें। मुख एवं नक को मास्क से हमेशा ढकें। यदि सम्भव हो तो नोज क्लिप या टेप भी लगा सकते हैं, जिससे श्वास छोड़ते समय ड्राई आई की संभावना कम होगी। लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप का नियमित उपयोग करें।
पिंक आई/वायरल कंजेक्टिवाइटिस:
कोवीड 19 से संक्रमित कुछ रोगियों मेंआंखों में लाली होना, चुभन होना, पानी आना आदि लक्षण वायरल कंजेक्टिवाइटिस के कारण हो सकतें हैं। कुछ रोगियों में रेटीना की सूक्ष्म रक्त वहिकाओं में रक्त प्रवाह के अविरुध (वास्कुलर ओकलुजन) होने के कारण के कारण अचानक दिखाई देना भी बन्द हो सकता है अथवा नज़र प्रभावित हो सकती है। ऐसी स्थिति में नेत्र सर्जन से तुरन्त परामर्श लेवें।
वैक्सीन लगवाएं, सावधान रहें, सतर्क रहें
वैक्सीनेशन के साथ साथ हैण्ड हाइजिन (हाथों को नियमित अंतराल 20 सेकण्ड से अधिक साबुन से साफ करना), रेस्पीरेटरी हाइजिन (नियमित रूप से मास्क का उपयोग) एवं फिजिकल डिस्टेन्सिंग (अन्य व्यक्तियों से 1 मीटर की दूरी बनायें रखना), नाक, मुँह एवं आंखों को बार-बार नहीं छुना आदि उपायों से कोविड-19 वैश्विक महामारी का कम्यूनिटी में संक्रमण रोकने में काफी हद तक सफलता मिल सकती है।
सकारात्मक दृष्टिकोण
अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देवें। सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। नियमित दिनचर्या, नियमित रूप से स्टीम इन्हलेशन, जल नेति (नेजोफ्रेरिजरियल वाॅश) का उपयोग नाक एवं गलें में कोविड-19 वायरस लोड को कम करने में सहायक होगा।
-डाॅ. विदुषी पाण्डेय व डाॅ.सुरेश कुमार पाण्डेय
(वरिष्ठ नेत्र सर्जन, सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा)