Thursday, 12 December, 2024

पांच राज्यों के 500 रक्तवीरों को किया सम्मानित

‘उमंग-2020’: मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में 135 रक्तदाता टीमों व संस्थाओं को मेडल से नवाजा
न्यूजवेव @ कोटा
रक्तदाता समूह, टीम रक्तदाता कोटा व कोटा यूथ सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय सम्मान समारोह ‘उमंग-2020’ में पांच राज्यों के 500 से अधिक रक्तवीरों को विशिष्ट योगदान के लिये मेडल, ट्रॉफी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि मेडिकल कॉलेज कोटा के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने कहा कि युवा वर्ग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करना प्रशंसनीय कार्य है। इससे कई जरूरतमंद गरीबों को जीवनदान मिला है। शहर में प्रत्येक परिवार को स्वैच्छिक रक्तदान के लिये पहल करनी होगी। समारोह में मेडिकल कॉलेज के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने भी सहयोग किया।

कोटा एमबीएस ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. एचएल मीणा ने कहा कि 2011 में सरकारी ब्लड बैंक में 11 हजार यूनिट रक्त एकत्रित हुआ था जो रक्तदाताओं के सहयोग से 2019 में दोनों ब्लड बैंक में बढ़कर 34 हजार यूनिट हो गया है। शहर में 650 एसडीपी रक्तदान हुआ है। इस समय वातानूकूलित थैलिसिमिया वार्ड में 759 बच्चों को नियमित रक्त चढाया जा रहा है। इसके लिये झालावाड व बारां जिले के रक्तदाता समूह टीमों का निरंतर सहयोग प्रशंसनीय है। डोनर सीधे लोगों के संपर्क में रहते हैं। वे अपने जिलों में रक्त आपूर्ति करके एमबीएस कोटा ब्लड बैंक को भी रक्त भेजते हैं। रक्त की डिमांड मार्च से जुलाई तक सर्वाधिक रहती है। ऐसे रक्तवीरों को सम्मानित करना गर्व की बात है।
पराये दर्द को अपनाये उसे इंसान कहते हैं…
टीम रक्तदाता कोटा के प्रवक्ता हरजिंदर सिंह ने बताया कि रविवार को विभिन्न जिलों से आये 50 रक्तदाताओं ने अंगदान के संकल्प पत्र भरकर दिये। देहदान का संकल्प करने वाले 65 वर्षीय शिवकुमार गुप्ता ने कहा कि अच्छे इंसान बनाने के लिये आज कोई स्कूल नहीं है, जो पराये दर्द को अपनाये, उसे इंसान कहते हैं। हरियाणा के कैथल जिले मंे सिसला गांव के कुलदीप भगत सिंह ने कहा कि वे 7 वर्ष से देशभर में घूमकर 6 हजार लोगों को रक्तदान व गरीबों की मदद के लिये प्रेरित कर चुके हैं।
श्योदानपुरा हनुमानगढ़ से आये अमर सिंह नायक खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि 1985 में एक घायल की रक्त की मदद करके उन्होंने खुद को आजीवन रक्त सेवा से जोड लिया। अब तक 352 शिविरों से वे हजारों यूनिट रक्तदान करवा चुके हैं। 6 वर्षीय रौनक व अभय पांचाल उनके साथ सेल्फी लेकर खुश दिखे। इंदौर हमदर्द रक्तदाता समूह टीम को भी सम्मानित किया गया।
झालावाड जिले से आये 330 रक्तयौद्धा
रक्तदाता समूह, झालावाड़ के जय गुप्ता व अनिल शर्मा ने बताया कि जिले की 44 टीमों से 330 ग्रामीण रक्तवीरों को उनकी अमूल्य सेवाओं के लिये सम्मानित किया गया। वे ग्रामीण क्षेत्रों में सोशल मीडिया का उपयोग मानव सेवा कार्यों के लिये करते हैं। मोडक की हुसैन कमेटी के 100 से अधिक सदस्य 4 वर्ष में 400 से अधिक रक्तदान कर चुके हैं। सोयत मप्र से अभय पौद्दार अपनी बीमारी को हराकर रक्तदान शिविर आयोजित करने में जुटे रहते हैं। रक्तदान महादान सेवा समिति, धार के डॉ. आरसी मोर्य ने बताया कि टीम से 300 युवा जुडे हैं। वे आर्गन डोनेशन के लिये भी अभियान चला रहे हैं।
महिलाओं में भी रक्तदान का जज्बा
शहर में निवाला मां की रसोई चलाने वाली वंदना श्रीमाली ने बताया कि उनके परिवार में 1997 से सभी सदस्य नेगेटिव ग्रुप का रक्तदान करते हैं। रावतभाटा रक्तदाता समूह की डॉ तन्वी शर्मा, ममता गुर्जर व वंदना चौहान ने कहा कि महिलाओं में रक्तदान की झिझक टूट रही है। वेटेनरी कोर्स कर रही आकांक्षा माथुर ने कहा कि दो बार रक्तदान करने के बाद नई उर्जा मिली है। इटावा से आई पीहू मीणा ने बताया कि रक्तदान जीवनदान सोसायटी, बारां से कई महिलायें जुड़ रही हैं। एक बहन या मां जब किसी गरीब बच्चे को रक्त की मदद करती है तो उसे अंदर से खुशी मिलती है।
टीम रक्तदाता कोटा के प्रवक्ता हरजिंदर सिंह व अंजिश उपाध्याय, कोटा यूथ सोसायटी के अध्यक्ष कुशाल जैन व सचिव विकास सैनी ने बताया कि समारोह में राजस्थान, मप्र, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि राज्यों से 135 संस्थाओं के 500 से अधिक सदस्यों को सम्मानित किया गया।

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