Friday, 11 October, 2024

IJSO में एलन स्टूडेंट्स ने जीते 4 गोल्ड मेडल

18वें इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड में एलन फिर सरताज, बढ़ाया देश का मान

न्यूजवेव @ कोटा.

एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट ने एक बार फिर देश का मान बढ़ाया है। इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड (IJSO) में एलन क्लासरूम स्टूडेंट्स ने 4 गोल्ड मैडल हासिल किए हैं। फाइनल के रिजल्ट्स की घोषणा दुबई में हुए हाइब्रिड कार्यक्रम के माध्यम से की गई। इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड को दुनिया में छोटी उम्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा के रूप में जाना जाता है, जिसमें विभिन्न आधारों पर परीक्षा के बाद स्टूडेंट्स के परिणाम जारी किए जाते हैं।

सभी गोल्ड मैडलिस्ट स्टूडेंट्स का एलन संकल्प कैम्पस में निदेशक राजेश माहेश्वरी व नवीन माहेश्वरी ने अभिनन्दन किया। इस अवसर पर स्टूडेंट्स व पेरेन्ट्स भी मौजूद रहे। निदेशक राजेश माहेश्वरी ने कहा कि एलन सदैव स्टूडेंट्स को बेहतर माहौल और श्रेष्ठ सुविधा देने में विश्वास रखता है ताकि प्रतिभा निखर सके। यही कारण है कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के ओलम्पियाड में भी गोल्ड मैडल लगातार आ रहे हैं।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने बताया कि आईआईटी जेईई व नीट में बेहतर प्रदर्शन के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एलन स्टूडेंट्स लगातार कामयाबी हासिल कर रहे हैं। 18वें इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड का परिणाम दुबई से लाइव प्रोग्राम में घोषित किया गया, जिसमें एलन के 4 स्टूडेंट्स ने गोल्ड मैडल हासिल किए। इसमें अनिमेष प्रधान, देवेश भैया, राजदीप मिश्रा और वेद लाहौटी शामिल हैं। जूनियर साइंस ओलम्पियाड के फाइनल में 6 स्टूडेंट्स ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया, इसमें 4 एलन से थे और चारों ने गोल्ड मैडल हासिल किए। इनमें कक्षा 8 के स्टूडेंट देवेश भैया भी शामिल है, जिसने अपने से बड़े और अधिक कक्षाओं में अध्ययन करने वाले स्टूडेंट्स के साथ स्पर्धा करते हुए स्वयं को साबित किया।

माहेश्वरी ने बताया कि इस वर्ष इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड में 59 देशों के 324 स्टूडेंट्स शामिल हुए। ये सभी स्टूडेंट्स 15 वर्ष तक की उम्र के थे। फाइनल हाइब्रिड मोड पर यूएई में 12 से 20 दिसम्बर तक आयोजित किया गया। इस वर्ष कोविड के चलते IJSO की पहले दो चरण NSEJS  और INJSO को IOQJS के रूप में करवाया गया, जिसमें पार्ट-1 व पार्ट-2 की परीक्षाएं हुई। दो पारियों में हुई परीक्षा में पहले पार्ट की जांच के आधार पर 310 स्टूडेंट्स को क्वालीफाई घोषित किया गया है। इन्हीं स्टूडेंट्स की पार्ट-2 के पेपर की जांच के बाद श्रेष्ठ 35 स्टूडेंट्स को फाइनल के लिए ओरिएन्टेशन कम सलेक्शन कैम्प के लिए चयनित किया गया। इस कैम्प में टॉप 35 में से श्रेष्ठ 6 स्टूडेंट्स फाइनल में भारतीय टीम में शामिल किया।

अब तक 24 गोल्ड, 4 सिल्वर मैडल


एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स ने 2015 से अब तक इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड में 24 गोल्ड और 4 सिल्वर मैडल जीते हैं। वर्ष 2020 में कोविड के चलते आईजेएसओ का आयोजन नहीं किया जा सका। इस वर्ष 18वां आईजेएसओ हुआ।

9 महीने में 15 गोल्ड मैडल : देवेश पंकज भैया
गोल्ड मैडल जीतने वाले देवेश पंकज भैया ने बताया कि मैं अभी 9वीं कक्षा में हूं और सातवीं से कोटा में पढ़ रहा हूं। मैंने 5वीं कक्षा में टैलेंटेक्स में टॉप 20 में रैंक हासिल की। आईजेएसओ में सफलता के लिए एलन के नोट्स एवं टीचर्स की गाइडेंस हेल्पफुल रही। मैंने आईजेएसओ के अलावा पिछले 9 महीने में विभिन्न इंटरनेशनल एग्जाम देकर 15 गोल्ड मैडल हासिल किए हैं। 2020 में बाल शक्ति पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा वर्ष 2021 में जॉन हॉपक्निस यूनिवर्सिटी के एसीटी में 800 में से 800 स्कोर प्राप्त किए थे। रोजाना 8 से 10 घंटे स्टडी करता हूं। मैं आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक और वर्ल्ड के टॉप एजुकेशन इंस्टीट्यूट एमआईटी में एडमिशन एडमिशन लेना चाहता हूं। परिवार मूलतः जलगांव महाराष्ट्र से है। पापा पंकज भैया आर्किटेक्ट एवं मां पल्लवी सिविल इंजीनियर हैं।

टीचर्स को फॉलो करता हूं : राजदीप
राजदीप मिश्रा ने बताया कि मैं कक्षा 10 में हूं और आईजेएसओ की तैयारी के लिए ही करीब 4 महीने पूर्व कोटा आया था। यहां मुझे हमेशा पढ़ाई का बेहतरीन माहौल मिला है। आईजेएसओ में सफलता के लिए फैकल्टीज की ओर से उपलब्ध कराए गए नोट्स से तैयारी की। मैं प्रीआरएमओ क्वालिफाइड हूं। इसके अलावा आईएमओ में इंटरनेशनल रैंक 5, एनएसओ में इंटरनेशनल रैंक 8 हासिल कर चुका हूं। मैं समय का सदुपयोग करने का प्रयास करता हूं। परिवार मूलतः ओडिशा में भुवनेश्वर से है। पापा आरके मिश्रा एयरफोर्स में जामनगर गुजरात में हैं। मां नमिता मिश्रा गृहिणी हैं।

स्ट्रेटेजी बनाकर तैयारी की : वेद लाहौटी
मैं अभी कक्षा 10 में हूं और पिछले 5 साल से एलन में पढ़ रहा हूं। एलन में स्टूडेंट्स को वो सारी सुविधाएं मिलती है, जो उनके सपनों को साकार करने के लिए चाहिए। आईजेएसओ में सफलता के लिए मैं सिर्फ टीचर्स को फॉलो करता हूं। क्योंकि एलन के टीचर्स बहुत अनुभवी हैं और वे जानते हैं किसी परीक्षा में स्टूडेंट्स को टॉपर कैसे बनाया जाए। मैं योजनाबद्ध तरीके से आईजेएसओ की तैयारी की। इसके अलावा एसओएफ एनएसओ 2020-21 लेवल-1 में इंटरनेशनल रैंक-8 व एसओएफ आईएमओ में इंटरनेशनल रैंक-1 प्राप्त कर चुका हूं। यूआईएमओ में एआईआर-2 व एनएसटीएसई में एआईआर-4 हासिल कर चुका हूं। परिवार मूलतः इंदौर से है। पापा योगेश लाहोटी इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एवं मां जया लाहोटी गृहिणी है।

फिजिक्स में रिसर्च करना चाहता हूं : अनिमेष प्रधान
मैं अभी 10वीं कक्षा में हूं। भविष्य में थ्योरोटिकल फिजिक्स में पढ़ाई करते हुए, रिसर्च करना चाहता हूं। मैंने आईजेएसओ में सफलता के लिए पुराने पेपर्स का अध्ययन किया और उसी के अनुसार प्रेक्टिस की थी। एलन में जैसा टीचर्स ने गाइड किया, उसे फॉलो करता गया। पढ़ाई के दौरान किसी तरह का प्रेशर नहीं लेता। वैसे भी साइंस एंजॉय करने वाला सब्जेक्ट है। मैं इससे पूर्व आईएमओ में इंटरनेशनल रैंक-1 व एनएसओ में इंटरनेशनल रैंक-3 प्राप्त कर चुका हूं। परिवार मूलतः हरियाणा के फरीदाबाद से है। पापा रमेशचंद्र प्रधान बिजनेसमैन एवं मां श्रद्धांजलि स्वेन ऑटोमोबाइल कंपनी में जॉब करती हैं।

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